Jammu Kashmir News: बारामूला से लोकसभा सांसद शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद ने पीडीपी और नेशनल कांन्फ्रेंस के उन आरोपों का खंडन किया है कि वह भाजपा के लिए काम करते हैं. राशिद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी जीत ने बता दिया है कि कश्मीर की जनता मोदी सरकार की 'नया कश्मीर' की पहल से असहमत है.
अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के प्रमुख ने कहा कि जो उन पर बीजेपी के सहयोगी होने का आरोप लगाते हैं उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह मुख्यधारा के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें सत्ताधारी पार्टी का उत्पीड़न सहना पड़ा.
मुझे तिहाड़ में रखा गया
राशिद ने एक इंटरव्यू में कहा, 'जो मुझे बीजेपी का प्रॉक्सी करार दे रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए, क्योंकि मैं अकेला ऐसा हूं जिसका बीजेपी ने उत्पीड़न किया. जबकि उमर अब्दुला और महबूबा मुफ्ती को 370 को खत्म किए जाने के बाद कुछ महीनों तक SKICC में रखा गया, मैं अकेला ऐसा विधायक था जिसे तिहाड़ जेल में रखा गया.'
उमर और मुफ्ती ने जनता के लिए कुछ नहीं किया
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने जनता के लिए कुछ भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि ना तो उमर अब्दुल्ला महात्मा गांधी बन पाए और ना ही सुभाष चंद्र बोस. इसी तरह महबूबा मुफ्ती न तो रजिया सुल्तान बन पाईं और ना ही आंग सांग सू की. उन्होंने कहा कि ये दोनों बीजेपी की कठपुतलियां हैं, मोहरा हैं.
राशिल ने बारामूला से अब्दुल्ला को दी थी शिकस्त
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में नॉर्थ कश्मीर के बारामूला से राशिद ने उमर अब्दुल्ला को हराया था. उन्होंने 204,142 वोटों से अब्दुल्ला को मात दी थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आंतकी फंडिंग के आरोप में 2019 में राशिद को गिरफ्तार किया था. विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों का प्रचार करने के लिए 10 सितंबर को उन्हें जमानत दे दी गई.