PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश में हैं. पीएम मोदी ने मंगलवार (16 जनवरी) को कहा कि आजकल पूरा देश राममय है. महात्मा गांधी भी रामराज्य की बात करते थे. उन्होंने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले मेरा 11 दिनों का व्रत चल रहा है. देश राममय हो गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु राम का जीवन विस्तार, उनकी प्रेरणा और आस्था भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है. प्रभु राम समाज जीवन में सुशासन के ऐसे प्रतीक हैं जो आपके संस्थान के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकते हैं. उन्होंने राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (NACIN) का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भगवान राम भरत से कहते हैं कि मुझे विश्वास है तुम कामों को बिना समय गंवाए पूरा करते हो जिसमें लागत कम है. पिछले कई सालों में हमारे सरकार ने लागत पर ध्यान दिया है.
#WATCH | PM Modi says, "Nowadays the whole country is filled with 'Rammay'...Lord Ram is a symbol of governance and good governance in social life, which can become a great inspiration for your organization also" pic.twitter.com/RzDdkEHyf1
— ANI (@ANI) January 16, 2024
पीएम मोदी ने आगे कहा-भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई हमारी सरकार की प्राथमिकता है. आप सभी को कल जारी की गई नीति आयोग की रिपोर्ट के बारे में जानकारी मिल गई होगी. जब कोई सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील होती है और जब कोई सरकार गरीबों की तकलीफों को दूर करने के लिए स्पष्ट उद्देश्य के साथ काम करती है, तो परिणाम भी होते हैं. नीति आयोग ने कहा है कि, हमारी 9 साल की सरकार में, लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. जिस देश में वर्षों तक नारे लगते थे 'गरीबी हटाओ' से 9 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले, ये ऐतिहासिक है.
पीएम मोदी ने कहा-पिछले 10 वर्षों में हमने टैक्स सिस्टम में कई सुधार किए पहले जो टैक्स सिस्टम था, वह आम लोगों को आसानी से समझ में नहीं आता था. मार्गदर्शन के अभाव में ईमानदार करदाता एवं व्यवसायी प्रभावित हुए. जीएसटी के रूप में हमने एक आधुनिक कर प्रणाली लागू की. सरकार ने आयकर प्रणाली को भी आसान बनाया. हमने देश में फेसलेस टैक्स असेसमेंट सिस्टम शुरू किया. इन सभी सुधारों के कारण अब देश में रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन हो रहा है'
पीएम मोदी ने कहा कि रामराज्य सुशासन 4 स्तंभों पर खड़ा था. ये चार स्तंभ जहां सम्मान से बिना भय के हर कोई सिर ऊंचा कर चल सके, जहां हर नागरिक के साथ समान व्यवहार हो, जहां कमजोर की सुरक्षा हो और जहां धर्म यानी कर्तव्य सर्वोपरि हो.