Shimla Mosque: शिमला के संजौली इलाके में बनी मस्जिद के परिसर में अवैध निर्माण को लेकर बुधवार को भारी बवाल हुआ. हिंदू संगठन के लोगों ने बुधवार की शाम विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी घंटों तक मस्जिद के बाहर मौजूद रहे. इस दौरान उनकी पुलिस से भी झड़प हुई. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार और लाठी चार्ज करनी पड़ी. इन सबके बीच गुरुवार को इस केस में नया मोड आया. मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने जो मस्जिद कमेटी के सदस्य हैं ने नगर निगम के कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मांग की गई कि मस्जिद के अवैध निर्माण को सीज कर दिया जाए या फिर ध्वस्त कर दिया जाए.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार पैनल के सदस्यों में संजौली मस्जिद के इमाम, वक्फ बोर्ड के सदस्य और मस्जिद प्रबंधन के लोग शामिल थे, जिन्होंने शिमला के नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर ये मांग की.
समिति के सदस्य मुफ्ती मोहम्मद शफी कासमी के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि हमने संजौली में स्थित मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को गिराने के लिए शिमला नगर आयुक्त से अनुमति मांगी है.
इस मुद्दे को लेकर संजौली मस्जिद के इमाम ने कहा, "हम पर कोई दबाव नहीं है, हम दशकों से यहां रह रहे हैं और यह फैसला एक हिमाचली के तौर पर लिया गया है. हम शांति से रहना चाहते हैं और भाईचारा कायम रहना चाहिए."
नगर आयुक्त भूपेंद्र अत्रि ने इस बात की पुष्टि की उन्हें मुस्लिम कमेटी की ओर से मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के लिए एक ज्ञापन प्राप्त हुआ है.
मस्जिद परिसर के अवैध निर्माण को गिराने का दिए गए ज्ञापन को लेकर हिंदु संगठन ने स्वागत किया है. मुस्लिम समुदाय द्वारा नगर आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन के कदम को देवभूमि संघर्ष कमेटि के सदस्यों ने स्वागत किया है.
देवभूमि संघर्ष कमेटी के विजय शर्मा ने कहा कि हम मुस्लिम समुदाय के इस कदम का दिल से स्वागत करते हैं. उनके इस कदम के लिए उन्हें गले लगाने वाले हमें पहले होंगे.
बुधावार को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदू संगठन के लोगों ने शिमला के संजौली इलाके में बने मस्जिद परिसर के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की थी. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 10 लोग घायल भी हुए थे.