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India Daily

बंगाल में वक्फ बिल पर हिंसा जारी, मुर्शिदाबाद के बाद जल उठा दक्षिण 24 परगना

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, क्योंकि रामलीला मैदान में रैली के लिए उचित पुलिस अनुमति नहीं थी.

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Edited By: Mayank Tiwari
बंगाल के दक्षिण 24 परगना में भड़की हिंसा
Courtesy: Social Media

पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर लगातार बढ़ते विरोध ने सोमवार (14 अप्रैल) को एक और हिंसक मोड़ ले लिया, जब दक्षिण 24 परगना के भांगर क्षेत्र में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) समर्थकों की पुलिस से झड़प हो गई. इस प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और दर्जनों लोग घायल हो गए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना तब शुरू हुई जब पुलिस ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट कार्यकर्ताओं को कोलकाता के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में शामिल होने से रोका. यह रैली ISF विधायक नौशाद सिद्दीक़ी को सुनने के लिए आयोजित की गई थी, जो वक्फ कानून के खिलाफ आवाज़ उठा रहे थे. बशंती हाइवे के पास भोझेरहाट में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हुए थे.जब पुलिस ने उन्हें रोका तो प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने लगे, जिससे टकराव बढ़ गया.

हाईवे पर प्रदर्शन, आगजनी और लाठीचार्ज

पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिस वाहनों में आग लगा दी और कई पुलिसकर्मियों पर हमला किया. इसके जवाब में, पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. हालांकि, इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर दिया था, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया. फिलहाल, हालात को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर तैनात किए गए. आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट घोषित किया गया.

"यह कानून संविधान पर हमला है"- नौशाद सिद्दीक़ी

रैली में बोलते हुए ISF नेता नौशाद सिद्दीक़ी ने कहा,“यह कानून सिर्फ मुसलमानों पर नहीं, बल्कि संविधान पर सीधा हमला है. हम इस कानून को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. जो सरकार ऐसे कानून का समर्थन करती है, उसे जाना होगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर विपक्ष की आवाज दबा रही है.

मुर्शिदाबाद में भी सांप्रदायिक हिंसा, तीन की मौत

हालांकि, इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को मुर्शिदाबाद के सुटी, धूलियन और जंगीपुर इलाकों में भी वक्फ कानून के विरोध में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. इसमें तीन लोगों की मौत और 400 से अधिक हिंदुओं के पलायन की खबर है, जो भागीरथी नदी पार कर मालदा पहुंचे. घटनास्थल से आई तस्वीरों में जली हुई दुकानें, घर और होटल दिखाई दे रहे हैं, जो हिंसा की भयावहता को दर्शाते हैं.