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India Daily

Mumbai Water Crisis: टैंकर मालिकों की हड़ताल से मचा हाहाकार, पिछले 5 दिनों से बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग

महाराष्ट्र के मुंबई शहर में वाटर टैंकर चालकों की हड़ताल के कारण पिछले कई दिनों से पानी की भीषण समस्या उठ खड़ी हुई है. पिछले पांच दिनों से सैकड़ों कर्मशियल और  रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स पानी के लिए तरस रहे हैं. रियल एस्टेट उद्योग भी इससे जूझ रहा है.

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Edited By: Princy Sharma
Mumbai Water Crisis
Courtesy: Pinterest

Mumbai Water Crisis: महाराष्ट्र के मुंबई शहर में वाटर टैंकर चालकों की हड़ताल के कारण पिछले कई दिनों से पानी की भीषण समस्या उठ खड़ी हुई है. पिछले पांच दिनों से सैकड़ों कर्मशियल और  रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स पानी के लिए तरस रहे हैं. रियल एस्टेट उद्योग भी इससे जूझ रहा है.

वाटर टैंकर ओनर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता  अनुकूर शर्मा  ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सभी हितधारकों की बैठक बुलाएं. इसमें सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी, बीएमसी और हमारे एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए. भूजल निकासी (Groundwater extraction)  के नए नियम पूरे भारत के लिए हैं. लेकिन, इन्हें केवल मुंबई में ही लागू किया जा रहा है और वह भी महानगर की जमीनी हकीकत को ध्यान में रखे बिना.'

एसोसिएशन के प्रवक्ता ने क्या कहा?

उन्होंने आगे कहा, 'नए नियम नालासोपारा, वसई विरार और नवी मुंबई में लागू नहीं किए जा रहे हैं, जहां पहले की तरह टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. बीएमसी ने नए नियमों को 15 जून तक के लिए रोक दिया है. तब तक बारिश आ जाएगी और हमारी मांगें भूल जाएंगी.'

चार मुख्य मांगें 

एसोसिएशन की चार मुख्य मांगें हैं कि अधिकारी कुओं और बोरवेल के आसपास 200 मीटर खाली जगह पर जोर न दें, पानी भरते समय टैंकरों को सड़कों पर पार्क करने की अनुमति दें, डिजिटल फ्लो मीटर बीएमसी द्वारा लगाए जाएं न कि किसी तीसरे पक्ष द्वारा और टैंकर ऑपरेटरों पर लगाए गए नोटिस और जुर्माने को वापस लिया जाए.
मुंबई में करीब 350 फ्लीट मालिक हैं, जो 500 लीटर से लेकर 20,000 लीटर तक की क्षमता वाले करीब 2,500 टैंकर चलाते हैं.  अनुकूर शर्मा ने कहा कि बढ़ती मांग को पूरा करने में बीएमसी की विफलता के कारण टैंकर पानी की मांग है. उन्होंने कहा कि उनका एसोसिएशन रोजाना करीब 350 एमएलडी गैर-पेयजल और 50 एमएलडी पेयजल की आपूर्ति करता है. बीएमसी को चिंता है कि शहर को पानी की आपूर्ति करने वाली झीलों में उनकी क्षमता का केवल 34% ही पानी है. शहर भाजपा अध्यक्ष और मंत्री आशीष शेलार ने संकट को कम करने की पहल की है, लेकिन कोई खास प्रगति नहीं हुई है.