Mumbai University Water Crisis: मुंबई यूनिवर्सिटी का कलीना कैंपस इन दिनों पानी की भीषण कमी का सामना कर रहा है. यहां के बगीचे सूख चुके हैं. यहां के लोग बीते साल से अनियमित पानी के टैंकरों के सहारे जीने को मजबूर हैं. जल आपूर्ति की समस्या को दूर करने के लिए कुएं खोदे गए हैं और नए जल बोरवेल बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है. हालांकि इन योजनाओं को पूरा होने में अभी काफी समय है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 243 एकड़ में फैले मुंबई यूनिवर्सिटी परिसर में प्रतिदिन 20.78 लाख लीटर पानी की जरूरत है लेकिन नगरपालिका की ओर से 9 लाख लीटर जल की ही आपूर्ति हो पा रही है. जानकारी के मुताबिक, परिसर में जैसे-जैसे इमारतों और कैंपस का विस्तार हुआ है वैसे-वैसे जल आपूर्ति में भी कमी दर्ज की गई है. यह कमी 6 लाख लीटर तक कम हो गई है. टैंकर द्वारा जल की आपूर्ति के कारण टैंकर का बिल भी 50 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है.
मुंबई यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने बताया कि हम 10 से 12 हजार लीटर के प्रतिदिन पांच टैंकर का ऑर्डर देते हैं. परिसर में रहने वाले स्टूडेंट, टीचर, को इसी पानी के जरिए अपने सभी काम पूरा करने को मजबूर कर रहा है. पानी की कमी के कारण परिसर के बगीचे तक सूख गए हैं. हालांकि कुलपति की पहल के तहत परिसर में पानी की कमी को दूर करने के लिए बारहमासी जल आपूर्ति प्रणाली तैयार कर रहा है. बागवानी के दृष्टिकोण से जल की कमी को दूर करने के लिए नगर पालिका की ओर से एक बोरवेल बनाने की मंजूरी मिल गई है. इस बोरवेल पर काम आज से प्रारंभ हो गया है.