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जिसने दी दोस्त को मारने की सुपारी, उसी की मिली लाश; फिर हुआ चौंकाने वाला खुलासा

मुंबई से कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की एक हैरान करने वाली कहानी सामने आई है. एक प्रॉपर्टी डीलर ने अपने दोस्त की हत्या की सुपारी कॉन्ट्रैक्ट किलर को दी. कुछ दिनों बाद उसी की लाश मिली. पुलिस ने जब कॉन्ट्रैक्ट किलर को पकड़ा तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया. जांच पड़ताल में मृतक प्रॉपर्टी डीलर की भी लाश बरामद की गई. पुलिस के सामने सवाल था कि आखिर जिसने हत्या की सुपारी दी, उसकी हत्या किसने और क्यों की?

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Edited By: India Daily Live
Mumbai police
Courtesy: social media

कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और फिर जिसने सुपारी दी, उसकी की मौत... मुंबई पुलिस को इस गुत्थी को सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल, मुंबई के पास पुलिस को एक लावारिस कार मिली, जिसमें गोलियों के निशान, दो खाली कारतूस और खून के धब्बे मिले. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दो प्रॉपर्टी डीलर लापता हैं. जानकारी के बाद पुलिस ने लवारिस मिली कार और प्रॉपर्टी डीलरों के लापता होने के बीच कनेक्शन को तलाशने लगी. इसी बीच पुलिस को उस वक्त सफलता मिली, जब उसने कॉन्ट्रैक्ट किलर को दबोच लिया, फिर जो कहानी सामने आई, वो चौंकाने वाली थी.

महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक, प्रॉपर्टी डीलर आमिर खानजादा और सुमित जैन 21 अगस्त से लापता थे. पुलिस के पास जब दोनों के लापता होने की शिकायत आई, तो जांच पड़ताल शुरू की गई. शिकायत दर्ज होने के दो दिन बाद यानी 23 अगस्त को पुलिस को मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के पास एक बलेनो कार मिली. नवी मुंबई के सीनियर पुलिस अधिकारी दीपक साकोरे ने बताया कि उन्हें कार के अंदर गोलियों के निशान, दो खाली कारतूस और खून मिले. यहां से पुलिस ने आगे की जांच शुरू की और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग से जुड़े अपराधी विट्ठल नाकाड़े को गिरफ्तार किया.

अपराधी और लापता प्रॉपर्टी डीलर के बीच निकला संबंध

दीपक साकोरे ने बताया कि अपराधी विट्ठल नाकाडे, लापता प्रॉपर्टी डीलर सुमित का दोस्त था. पुलिस ने पाया कि आमिर खानजादा और सुमित जैन दोस्त थे और बिजनेस पार्टनर थे. दोनों के बीच एक जमीन के सौदे को लेकर झगड़ा हुआ था. दोनों नेरुल के रहने वाले थे और 21 अगस्त की रात से लापता थे.

पुलिस के मुताबिक, हाल ही में, सुमित जैन ने भारी कर्ज लिया था. उसने धोखाधड़ी कर सौदे वाली जमीन का एक टुकड़ा भी हड़प लिया था. इसकी जानकारी के बाद सुमित का दोस्त आमिर चाहता था कि जो जमीन का टुकड़ा उसने हड़पा है, उसमें उसे भी हिस्सा मिलना चाहिए और इसके लिए आमिर, सुमित को लगातार ब्लैकमेल कर रहा था. 

लगातार ब्लैकमेलिंग से परेशान सुमित ने आमिर को मारने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किलिंग से जुड़े विट्ठल नाकाडे को सुपारी दे दी. फिर सुमित जैन और विट्ठल नाकाडे ने आमिर को जान से मारने की पूरी प्लानिंग बना ली. पुलिस की गिरफ्त में पूछताछ के दौरान नाकाडे ने बताया कि आमिर की हत्या के लिए 50 लाख रुपये दिए गए थे. 

ट्विस्ट तब आया, जब आमिर की जगह मिली सुमित की लाश

विट्ठल से पूछताछ के दौरान जो जानकारियां सामने आईं, उससे पुलिस मान कर चल रही थी कि सुमित जिंदा है. फिर आमिर की लाश की तलाश होने लगी. इसी दौरान कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब पुलिस को सुमित की लाश मिली. अब बड़ा सवाल यह था कि सुमित की हत्या किसने की और आमिर कहां है?

अगला बड़ा खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने विट्ठल नाकाड़े से जुड़े कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस अधिकारी दीपक साकोरे ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि 21 अगस्त की रात 11 बजे सुमित जैन और विट्ठल नखाड़े ने आमिर खानजादा को बलेनो कार में बिठाया. उन्होंने आमिर की गोली मारकर हत्या कर दी और उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया.

पुलिस को शक न हो, इसलिए सुमित जैन ने अपने पैर में गोली मार ली. कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब आमिर की हत्या और खुद के पैर में गोली मारने के बाद कार में ही सुमित जैन का विट्ठल नाकाडे से झगड़ा हो गया. झगड़े के बाद विट्ठल ने सुमित को डॉक्टर के पास ले जाने से इनकार कर दिया. उधर, गोली लगने से घायल सुमित के पैर से अधिक खून बह जाने से उसकी मौत हो गई. इसके बाद विट्ठल ने उसकी लाश को भी ठिकाने लगा दिया और कार को मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर लावारिस हालत में छोड़ दिया. 

दीपक साकोरे ने बताया कि आमिर खानजादा का शव कर्नाला पक्षी अभ्यारण्य के पास मिला, जबकि सुमित जैन का शव पेन-खोपोली रोड पर सड़क किनारे से बरामद किया गया.