Mumbai Cyber Fraud Alert: पॉवई में एक सोलर और विंड मिल बनाने वाली कंपनी के साथ उसकी बैंक के बीच एक जटिल साइबर धोखाधड़ी हुई, जिससे 11.34 करोड़ रुपये की अवैध ट्रांसफर हुई. यह धोखाधड़ी एक ईमेल स्पूफिंग हमले के जरिए की गई, जिसमें एक साइबर अपराधी ने कंपनी और बैंक के बीच होने वाली कम्युनिकेशन प्रोसेस को ध्यान से स्टडी किया. यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब कंपनी के मुख्य अकाउंटेंट ने बैंक के लेन-देन को चेक किया और कुछ संदिग्ध ट्रांजैक्शन देखे.
तीन घंटों में आठ धोखाधड़ी खातें ब्लॉक: कंपनी ने तुरंत इस मामले की रिपोर्ट 1930 साइबर हेल्पलाइन पर दी, जिसके बाद मुंबई साइबर पुलिस की टीम ने एक्टिविज्म से काम किया और धोखाधड़ी से जुड़े 11.2 करोड़ रुपये को फ्रॉड खातों से फ्रीज कर दिया. पुलिस अधिकारी डिप्टी कमिश्नर (मुंबई साइबर) दत्ता नलावड़े ने बताया कि तीन घंटे के भीतर साइबर टीम ने आठ धोखाधड़ी खातों को ब्लॉक कर दिया और अधिकांश चोरी की गई रकम को बरामद कर लिया. यह मुंबई की साइबर टीम द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय रिकवरी ऑपरेशन था.
इसके अलावा एक और साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दक्षिण मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई, जिसमें एक मलबार हिल निवासी से 5.62 करोड़ रुपये धोखे से ट्रांसफर करवाए गए. इस धोखाधड़ी में आरोपी ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिए पीड़ित से विश्वास जीतकर उसे इन्वेस्टमेंट के लाभ के झांसे में फंसाया. आरोपी महिला आकृति देसाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़ित से कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए. साइबर पुलिस अभी भी आरोपियों का पता लगाने और चोरी की गई रकम को वापस लाने के लिए जांच कर रही है.