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MUDA स्कैम पर न सिद्धारमैया की निंदा, न ही समर्थन; राहुल गांधी की चुप्पी के क्या हैं मायने?

Muda Scam: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन घोटाले मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति के बाद उनकी कानूनी परेशानियां बढ़ गईं. उधर, अब तक इस मामले पर कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. राहुल गांधी ने न तो सीएम की निंदा की है और न ही समर्थन की पेशकश की है. वहीं सिद्धारमैया के समर्थक इस बात से नाराज हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन नहीं किया है.

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Muda Scam: कर्नाटक के मुदा घोटाला मामले में राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति के बाद अब तक राहुल गांधी ने न तो कर्नाटक के सीएम की निंदा की है और न ही समर्थन की पेशकश की है. वहीं, सिद्धारमैया के समर्थक इस बात से नाराज हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन नहीं किया है. हालांकि उनके सहयोगी इस बात पर जोर देते हैं कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं का समर्थन प्राप्त है, लेकिन कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर लोकसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चुप्पी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.

शनिवार को जब राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने सिद्धारमैया पर कथित भ्रष्टाचार के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति दी, तब से राहुल ने न तो पिछड़े वर्ग के नेता की निंदा की है और न ही उन्हें समर्थन देने की पेशकश की है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार और हत्या मामले पर शुरुआती प्रतिक्रियाओं के दौरान सिद्धारमैया विवाद सामने आया था. राहुल ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मैं इस असहनीय पीड़ा में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हूं. उन्हें हर कीमत पर न्याय मिलना चाहिए. पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाती है.

राहुल की टिप्पणियों के बाद टीएमसी नेता ने पूछा था सवाल

कोलकाता कांड पर राहुल गांधी के बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कुणाल घोष ने एक्स पर पोस्ट किया था और पूछा था कि राहुल गांधी, क्या आप अपने सीएम से इस्तीफा मांगेंगे? ये भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप है. हालांकि, राहुल ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. राहुल गांधी के अलावा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि मुझे राज्यपाल की अनुमति के बारे में जानकारी नहीं है. मैं वकीलों से सलाह के बाद ही कोई बयान दूंगा. हालांकि, जब राज्यपाल की ओर से मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई, तब मल्लिकार्जुन खड़गे बेंगलुरु में ही थे. 

सिद्धारमैया के समर्थकों को ये बात समझ में आ गई कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाद में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की आलोचना की, जिसमें कथित तौर पर राज्यपालों के ज़रिए गैर-बीजेपी शासित राज्यों को निशाना बनाया गया, लेकिन उन्होंने सिद्धारमैया को कोई नैतिक समर्थन नहीं दिया.

आरोपों को लेकर कांग्रेस आलाकमान से मिलेंगे सिद्धारमैया

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार आरोपों को स्पष्ट करने के लिए कुछ दिनों में दिल्ली में राहुल और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं से मिलने वाले हैं. सिद्धारमैया हाईकमान को मनाने की कोशिश करेंगे कि भले ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाए, लेकिन उन्हें सीएम पद पर बने रहने दिया जाए. यह देखना बाकी है कि राहुल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.

फिलहाल, सिद्धारमैया को अपने सहयोगियों का पूरा समर्थन हासिल है. एक मंत्री ने कहा कि अगर हाईकमान सिद्धारमैया का समर्थन नहीं करता है, तो विपक्ष हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर सकता है. भाजपा तेलंगाना सरकार को भी निशाना बना सकती है.

सिद्धारमैया के बेटे और एमएलसी यतींद्र ने भी इन चिंताओं को दोहराया, जबकि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सार्वजनिक रूप से सिद्धारमैया का समर्थन किया है और जोर देकर कहा है कि पिछड़े वर्ग के नेता पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए सीएम के रूप में काम करेंगे.