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जी कर क्या करूंगा... ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड की कोशिश करने वाले 25 साल के लड़के का दर्द

MP News: झांसी में ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड की कोशिश करने वाले एक शख्स की दर्दनाक कहानी सामने आई है. कहानी का सार ये है कि 25 साल के शख्स के माता-पिता की मौत हो चुकी थी. किसी तरह मजदूरी कर वो अपना खर्च निकालता था. रोज-रोज की ऐसी जिंदगी से तंग आकर आखिरकार उसने ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की कोशिश की. आइए, जानते हैं पूरा मामला.

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Edited By: India Daily Live
bhind youth Suicide by jumping in front of train

MP News: मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले 25 साल के एक लड़के ने ट्रेन के आगे खुदकुशी की कोशिश की. आप सोचेंगे कि ये क्या बात हुई, ऐसी खबरें तो रोजाना आती है. लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि ये मामला थोड़ा नहीं.. बहुत ज्यादा अलग है. सुसाइड की कोशिश करने वाला लड़का फिलहाल ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में एडमिट है, जहां उसने अपना दर्द बयां किया है.

25 साल के लड़के की पहचान राकेश शाक्यवार के रूप में हुई है. अस्पताल में इलाज के दौरान उसने बताया कि मेरे पास अपना घर नहीं है. माता-पिता की मौत हो चुकी है. उनकी मौत के बाद मैं कहीं भी रहता था और कहीं भी सो जाता था. पेट पालने के लिए मजदूरी करता था. मैं इस तरह की जिंदगी से तंग आ गया था. आखिरकार मैंने सोचा कि अब जी कर क्या करूंगा? इसलिए मैंने ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी की कोशिश की, लेकिन मेरी जान भी नहीं निकली. 

7 साल की उम्र में मां की मौत, पिता ने जैसे-तैसे पाला

राकेश ने बताया कि जब वो 7 साल का था, तब उसकी मां की मौत हो गई थी. पिता ने आखिरकार जैसे-तैसे उसका पालन-पोषण किया. उसने बताया कि जब पिता का साथ देने की बारी आई, तो वे चल बसे. उसने बताया कि पहले मां और फिर जवानी में पिता की मौत के बाद मैं पूरी तरह से टूट गया था. उसने बताया कि चूंकि माता-पिता नहीं थे, घर भी नहीं था, तो ग्वालियर रेलवे स्टेशन को ही अपना घर बना लिया था. सुबह-शाम मैं वहीं सोता था, रहता था. 

राकेश के मुताबिक, पेट पालने के लिए दिनभर मजदूरी करता था, जो पैसे मिलते थे, वो पेट चलाने को काफी भी नहीं होते थे. एक-एक दिन ऐसे ही कट रहा था. मैं इस तरह की जिंदगी से बिलकुल तंग आ चुका था. आखिरकार मैंने 23 अप्रैल को सुसाइड करने का ठान लिया. 

उसने बताया कि मंगलवार शाम को जब ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर ट्रेन आ रही थी, तभी उसके सामने कूदकर जान देने की कोशिश की. इस दौरान लोकोपायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया. हालांकि, सुसाइड के चक्कर में दोनों पैर कट गए और राकेश बुरी तरह घायल भी हो गया. राकेश को ट्रेन से किसी तरह निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी जान बच गई है.