बलात्कार नहीं माना जाएगा पत्नी के साथ अप्राकृतिक सेक्स: MP हाई कोर्ट
MP High Court On Unnatural Physical relationship: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसके पत्नी द्वारा उस पर कराई गई एफआईआर को खारिज करने का आदेश सुनाया है.
MP High Court On Unnatural Physical relationship: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई करते हुए बड़ी बात कही है. कोर्ट ने कहा कि पत्नी के साथ किया गया अप्राकृतिक सेक्स को बलात्कार नहीं माना जाएगा. क्योंकि ऐसी स्थिति में पत्नी की सहमति महत्वहीन है. भारत में मैरिटल रेप को कानूनी मान्यता नहीं दी गई है. साल 2021 में केरल हाई कोर्ट ने मैरिटल रेप को रेप मानने से इनकार कर दिया था. साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था कि मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में शामिल करने की आवश्यकता नहीं है.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की बेंच ने कहा कि अगर एक पत्नी अपने पति के साथ रह रही है तो ऐसी स्थिति में पति के संबंध बनाने को रेप या बलात्कार नहीं कहा जा सकता है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि आईपीसी की धारा 376बी इस स्थिति में एक अपवाद है.
हाई कोर्ट ने कही यह बात
लाइव लॉ ने अपनी एक रिपोर्ट के अनुसार पुरुष द्वारा अपनी पत्नी जिसकी उम्र 15 साल से कम न हो उसके साथ किया गया यौन कृत्य रेप की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा.
जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने सुनवाई करते हुए कहा कि पुरुष के लिंग का महिला की गुदा में प्रवेश होने को भी रेप कहा गया है. लेकिन पति द्वारा द्वारा अप्राकृतिक कृत्य में पत्नी की सहमति न होने का कोई महत्व नहीं होता.
मनीष साहू नाम के एक व्यक्ति के केस की सुनवाई करते हुई हाई कोर्ट ने ये टिप्पणी की है. कोर्ट ने मनीष की पत्नी द्वारा कराई गई एफआईआर को खारिज कर दिया है. एफआईआर में IPC की धारा 377 को अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप मनीष साहू पर उनकी पत्नी ने लगाए थे.
पत्नी ने लगाए थे ये आरोप
महिला ने अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2019 के 6 और 7 जून को उसके पति ने उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए थे. पत्नी ने FIR दर्ज कराई थी, जिसके खिलाफ पति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर को खारिज करने की मांग की थी.