दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कई फ्लाइट्स लेट हुईं. रविवार के दिन कई तस्वीरें सामने आई. लगभग 68% फ्लाइट लेट रही, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हवाई अड्डा संचालक ने कहा कि एयरलाइनों ने चार महीने पहले जारी की गई व्यवधानों की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया तथा अपनी उड़ान समय-सारिणी को समायोजित करने में लापरवाही बरती.
अधिकारियों ने इस अव्यवस्था को खराब योजना और महीनों से चल रही गलतफहमी का परिणाम बताया, जिसमें व्यस्त ग्रीष्मकालीन यात्रा सीजन के दौरान हवाई अड्डे के चार रनवे में से एक को अपग्रेड करने के लिए बंद कर दिया गया, साथ ही हवा की दिशा में असामयिक परिवर्तन - ऐसे कारकों का एक संयोजन जिसने क्षमता को कम कर दिया और यात्रियों को परेशानी में डाल दिया.
4 महीने पहले जारी की गई चेतावनी
दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डीआईएएल), हवाई अड्डा संचालक ने कहा कि एयरलाइनों को चार महीने पहले ही योजनाबद्ध रनवे उन्नयन और संभावित पवन व्यवधान के बारे में सूचित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने न्यूनतम या कोई बदलाव नहीं किया.
फ्लाइट ट्रैकिंग सेवा फ्लाइटरडार24 के अनुसार रविवार को हजारों यात्री प्रभावित हुए, क्योंकि रात 11.30 बजे तक 501 प्रस्थान और 384 आगमन विलंबित हुए. यह संख्या हवाई अड्डे द्वारा प्रतिदिन संभाली जाने वाली 1,300 से अधिक उड़ानों का 68% है. बताया कि प्रस्थान में औसतन एक घंटे तथा आगमन में 75 मिनट की देरी हुई.
हवाई अड्डे पर चार रनवे संचालित होते हैं. दो रनवे पुराने हैं. एक सामान्य दिन में हवाई अड्डा प्रति घंटे 46 आगमन को संभालता है. 6,000 यात्रियों और 270,280 उड़ानों को विस्तारित टर्मिनल 1 में स्थानांतरित कर दिया गया, जो उसी दिन, 15 अप्रैल को पूरी तरह से चालू हो गया.
उमर अब्दुल्ला फ्लाइट में फंसे
इन सभी कारणों से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और यह हंगामा एक बार फिर सुर्खियों में तब आया जब रविवार की सुबह जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लंबी देरी के लिए हवाई अड्डे की आलोचना की.