वैसे तो बंदरों के आतंक से हर कोई परेशान रहता है, पता नहीं कब, कहां और कैसे लोगों पर अटैक कर दें. हर दिन बंदरों के हुड़दंग के किस्से सामने आते रहते हैं. घर,आंगन और गांव में तो लोग बंदरों को देख कर पहले ही भाग जाते हैं. अगर बंदर को हाथ में कुछ दिख जाए तो उस शख्स की खैर नहीं. या तो चुपचाप उन्हें सौंप दो या नौ दो ग्यारह हो जाओ. बंदर तो ठहरा बंदर. कुछ लोगों पर ये टूट पड़ते हैं, कुछ लोगों के सामान छीनकर भाग जाते हैं.
यूपी संभल जिले के एक गांव असमोली में कुछ ऐसा ही हुआ है. यहां गांव में रिश्तेदार के यहां आए एक युवक पर बंदरों ने हमला कर दिया. इससे युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. चारों ओर चीख पुकार मच गई. परिवारवालों ने किसी तरह लाठी-डंडे से बंदरों को भगाया, जिसके बाद घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती में कराया गया.
भैंसोड़ा निवासी सत्यदेव के घर उनके दामाद बरेली से अपने ससुराल आए थे. शाम को सभी लोग घर के आंगन में बैठकर बातचीत कर रहे थे. तभी बंदरों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया और जमाई सूरज सिंह को काट कर घायल कर दिया. चीख पुकार मच गई. परिवार के सभी लोग लाठी-डंडे लेकर बंदरों की ओर दौड़े और फिर किसी तरह बंदरों को भगाया गया.
इसके बाद घायल सूरज को पास ही के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. गांववालों के मुताबिक विकासखंड असमोली के गांव में बंदरों का आतंक बना हुआ है. बंदरों के काटने से आए दिन कोई न कोई घायल होते रहता है.
ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों की तादाद इतनी ज्यादा है कि रास्ते में लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है. इतना ही नहीं महिलाएं घर में खाना बनाने से भी डरती हैं कि पता नहीं कब बंदर आकर सारा तहस नहस कर दें. वहीं कुछ लोगों ने बताया कि बंदरों ने इस गांव के खेत में फसलों को उजाड़ दिया है, जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.