दिल्ली के CM पर लटकी 5वें समन की तलवार! पेश होने के बजाए केजरीवाल ने ED से ही दागे सवाल?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में अपने चौथे समन में शामिल नहीं हुए. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक गोवा के तीन दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए हैं, जहां वे लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी के नेताओं से चर्चा करेंगे.
ED likely to issue 5th summons to Arvind Kejriwal: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में जुटी ED अरविंद केजरीवाल को 5वां समन जारी कर सकती है. ED की ओर से 13 जनवरी को अरविंद केजरीवाल को चौथा समन जारी किया गया था और उन्हें 18 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया था. हालांकि, केजरीवाल ने चौथे समन को पिछली तीन समन की तरह नजरअंदाज कर दिया और राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद तीन दिनों के गोवा दौरे पर चले गए.
वहीं, चौथे समन पर भी पेश न होने वाले केजरीवाल ने एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय से सवाल पूछ लिया. उन्होंने पूछा कि अगर मैं आबकारी नीति से जुड़े मामले में आरोपी नहीं हूं, तो मुझे समन क्यों भेजा जा रहा है? उधर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने कहा कि वे अपने अगले कदम पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. सूत्रों के मताबिक, ED केजरीवाल को नया (पांचवां) समन जारी कर सकती है, लेकिन अभी इस संंबंध में आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केजरीवाल को 5वां समन जारी करने के बारे में फैसला नहीं लिया गया है.
अब तक 6 चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जांच एजेंसी
जांच एजेंसी ने अब तक पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत 31 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ उत्पाद शुल्क नीति जांच में छह आरोप पत्र दायर किए हैं. बता दें कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.
2 दिसंबर 2023 को मामले में दायर अपनी छठी चार्जशीट में ED ने संजय सिंह और उनके सहयोगी सर्वेश मिश्रा का नाम लिया और दावा किया कि AAP ने गोवा में 2022 में विधानसभा चुनाव अभियान के हिस्से के रूप में उत्पाद शुल्क नीति के माध्यम से उत्पन्न 45 करोड़ रुपये की रिश्वत का इस्तेमाल किया. इससे पहले, ED ने आरोप लगाया था कि रिश्वत का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव अभियान के फंडिंग के लिए किया गया था. पांच आरोपपत्रों में से एक में ED ने दावा किया कि उत्पाद शुल्क नीति केजरीवाल के दिमाग की उपज थी.
कब-कब केजरीवाल के खिलाफ जारी हुआ समन?
दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 नवंबर को पहली बार समन जारी किया था. तब केजरीवाल, एक रैली को संबोधित करने के लिए मध्यप्रदेश गए थे. वहां उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी उनकी छवि खराब करने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रही है.
इसके बाद, 22 दिसंबर को ED ने केजरीवाल को दूसरा समन जारी किया था. उस दौरान केजरीवाल मेडिटेशन रिट्रीट के लिए पंजाब गए थे. पिछली बार ED ने केजरीवाल को समन जारी कर 3 जनवरी को पेश होने को कहा था, लेकिन तब केजरीवाल गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों के साथ-साथ दिल्ली में तीन सीटों के लिए चल रहे राज्यसभा चुनावों का हवाला देते हुए एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए.
केजरीवाल ने कहा था- हम कानून के मुताबिक काम करेंगे
बता दें कि बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा था कि हम कानून के मुताबिक काम करेंगे. उधर, भाजपा ने केजरीवाल पर टालमटोल करने का आरोप लगाया. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि सीएम केजरीवाल एक भगोड़े की तरह व्यवहार कर रहे हैं लेकिन कानून जल्द ही उन तक पहुंच जाएगा. जिस दिन ईडी उनके टालमटोल वाले व्यवहार का संज्ञान लेगी और सीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी, लेकिन तब आम आदमी पार्टी विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर देगी.
आखिर केजरीवाल क्यों नहीं हो रहे पेश, क्या दे रहे तर्क?
केजरीवाल और उनकी पार्टी ने बार-बार और लगातार समन पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ये स्पष्ट नहीं है कि केंद्रीय जांच एजेंसी आखिर उन्हें किस हैसियत से पेश होने के लिए समन जारी कर रही है. समन में ये स्पष्ट नहीं है कि केजरीवाल को गवाह के रूप में पेश होने के लिए बुलाया जा रहा है या फिर संदिग्ध के रूप में या फिर मुख्यमंत्री के रूप में या आम आदमी पार्टी के चीफ के रूप में. पार्टी की ओर से कहा गया है कि एजेंसी ने पूछताछ के लिए पेश होने के संबंध में कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया है. इसके अलावा, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 3 जनवरी को दावा किया था कि केंद्र सरकार उन्हें 2024 के चुनावों से पहले गिरफ्तार करना चाहती है.