मोकोका मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश बाल्यान ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से उन्हें छह घंटे के लिए हिरासत में पैरोल पर रिहा करने का आग्रह किया.
बाल्यान ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को उच्चतम न्यायालय से मिली राहत का हवाला देते हुए पैरोल का अनुरोध किया है.
न्यायमूर्ति विकास महाजन के समक्ष बाल्यान के वकील ने इस आधार पर राहत का अनुरोध किया कि विधायक आप के एक ‘महत्वपूर्ण सदस्य’ हैं और उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं जिनके पास कोई अनुभव नहीं है.
बाल्यान के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता, इसलिए उन्हें पैरोल दी जा सकती है. वकील ने कहा कि बाल्यान हिरासत में रहेंगे, इसलिए कोई बाधा नहीं आएगी.
अदालत ने दिल्ली पुलिस के वकील से निर्देश लेने को कहा और सुनवाई की तारीख 29 जनवरी तय की. न्यायाधीश ने कहा, ‘निर्देश लेकर आएं. एक दिन वह जाकर अपनी पत्नी के लिए चीजें व्यवस्थित कर सकते हैं.’
बाल्यान के वकील ने उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें आप के पूर्व पार्षद और फरवरी 2020 के दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को हिरासत में पैरोल पर दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने की अनुमति दी गई. हुसैन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
पुलिस ने बाल्यान पर एक संगठित अपराध गिरोह में ‘सहयोगी’ होने का आरोप लगाया है. उन्हें चार दिसंबर, 2024 को मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून) मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसी दिन, एक निचली अदालत ने उन्हें कथित जबरन वसूली के एक मामले में जमानत दी थी.
निचली अदालत ने 15 जनवरी को बाल्यान को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
अभियोजक ने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में कथित सिंडिकेट सदस्यों के खिलाफ दर्ज 16 प्राथमिकी का हवाला दिया और दावा किया कि इसने ‘समाज में तबाही मचाई है और भारी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित की है.’
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)