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India Daily

Dussehra 2024: मोहन भागवत के भाषण की 5 बड़ी बातें, कोलकाता कांड से लेकर इजराइल-ईरान संघर्ष पर बोले

दशहरा के मौके पर आरएसएस मुख्यालय में शस्त्र पूजा की गई. जिसके बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सभा को संबोधित किया. इस संबोधन में उन्होंने कई बड़े मुद्दों पर बात की.

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Edited By: Shanu Sharma
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Courtesy: RSS X POST

RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हर बार की तरह इस बार भी दशहरा के मौके पर आरएसएस मुख्यालय में शस्त्र पूजा की. जिसके बाद उन्होंने सभी संघीयों को संबोधित किया. इस मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन,  के. सिवन,  पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य कई अतिथि मौजूद रहें. अपने संबोधन के दौरान संघ प्रमुख ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की. 

कोलकाता आरजी कर कांड

भारत वर्ष में आज हर बच्चों के हाथों में मोबाइल है. वो क्या देख रहे हैं इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. इसके कुपरिणाम भी हैं. कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है. महिला सुरक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ तो महाभारत हो गया. सीता हरण हुआ तो रामायण हो गया. आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वो लज्जित करने वाला हो गया है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. घटना होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वो अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है. 

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अटैक

मोहन भागवत ने बांग्लादेश की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश में उत्पात के कारण वहां के हिन्दू समाज पर हमला हुआ. हिन्दू पर अत्याचार किया जा रहा. कट्टरपंथी जब तक है तब तक अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार होता रहेगा. हिन्दूओं को सोचना होगा कि अगर हम दुर्बल है और असंगठित है तो यह हमारे लिए गलत है. खुद के अस्तित्व के लिए उन्हें संगठित रहना जरुरी है.

बांग्लादेश के हिंदुओं को हिदायत देते हुए उन्होंने कहा हिंसक मत बनो, लेकिन दुर्बल भी नहीं रहना है. जबतक वहां कट्टरपन की मानसिकता रहेगी तब तक हिंदुओं पर ही नहीं बल्कि हर अल्पसंख्यकों पर हमले का खतरा बना रहेगा. दुर्बल रहना अपराध है, इस बात को समझना चाहिए. अगर आप संगठित हैं तो आप किसी भी चीज का मुकाबला कर सकते हैं.

इजरायल-हमास युद्ध पर सबकी नजर

इजरायल और हमास के चल रहे युद्ध पर बात करते हुए उन्होंने कहा परिस्थितियां कभी चुनौतीपूर्ण होती हैं तो कभी अच्छी. मानव जीवन पहले की तुलना में भौतिक रूप से अधिक खुशहाल है. हालांकि हम देख रहें हैं कि इस खुशहाल और विकसित मानव समाज में भी कई संघर्ष जारी हैं. इजरायल और हमास का जो युद्ध छिड़ा वो कैसा व्यापक हुआ, उससे दुनिया पर क्या असर पड़ेगा उसकी चिंता पूरी दुनिया को है.  कौन-कौन इसमें झुलसेगा सबको इसकी चिंता है.

जम्मू-कश्मीर चुनाव 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत लगातार हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. समाज में समझदारी भी बढ़ रही है. 10 साल बाद जम्मू कश्मीर के चुनाव भी शांति पूर्ण संपन्न हुए हैं. इसके साथ ही देखते हैं कि दुनिया में भारत की साख बढ़ी है.  दुनिया में हमारा योग ना केवल फैशन बना है बल्कि उसके महत्व को दुनिया भी स्वीकार रही है. भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है, सामरिक बल भी बढ़ रहा है.

भारत के पड़ोसी देश 

पड़ोसी मुल्क की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले जैसा आपस में युद्ध आसान नहीं है. अपनी परंपरा में युद्ध को मंत्र विप्लव कहते हैं. भारत के सीमावर्ती देशों में इसके चलते क्या-क्या हो रहा है ये हम देख सकते हैं. उन्होंने इन सभी मुद्दों के अलावा उन्होंने बिगड़ते पर्यावरण पर भी बात की. 

हर साल दशहरा के मौके पर आरएसएस संगठन के लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करता है. इस दौरान संघ प्रमुख सभा को संबोधित करते हैं. जिसमें भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जिक्र किया जाता है. आज के इस संबोधन से संघ के विचारों के बारे में पता चलता है.