Abdul Salam: लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में केरल की मल्लापुरम सीट से भारतीय जनता पार्टी के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार एम अब्दुल सलाम एक मिशन पर हैं. वह मीडिया के सामने आ रहे हैं और बीजेपी और पीएम के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं.
मीडिया से बात करते हुए अब्दुल सलाम ने कहा कि मेरा प्राथमिक काम मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अंधेरे दिमाग में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की रोशनी को रोशन करना है. मैं उन्हें यह एहसास दिलाना चाहता हूं कि वे अपने चारों ओर बने अंधेरे में रह रहे हैं. पीएम मोदी ने मुसलमानों और ईसाइयों के विकास के लिए बड़ी मात्रा में समय और पैसा खर्च किया है.
कालीकट यूनिवर्सिटी (सीयू) के पूर्व कुलपति सलाम दूसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी चुनावी शुरुआत 2021 में हुई थी, जब वह केरल विधानसभा चुनाव में मल्लापुरम के तिरुर से भाजपा के उम्मीदवार थे. वह 9,097 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कालीकट विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में सेवा देने से पहले, सलाम केरल कृषि विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख रहे हैं.
सलाम सांप्रदायिक रूप से अस्थिर मल्लापुरम से चुनाव लड़ेंगे, जहां कई दशकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अब प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों के कारण रक्तपात देखा गया है.
सलाम का कहना है कि इस क्षेत्र के लोगों को वर्षों से गुमराह किया गया है और वे अंधेरे में रह रहे हैं. इलाके में मुसलमानों का एक सख्त धार्मिक नेटवर्क है और उन्हें मदरसों द्वारा निर्देशित किया जाता है. वे एक अलग समय में रह रहे हैं. मेरा लक्ष्य एक शक्तिशाली दीपक के साथ जाना और उनके दिलो-दिमाग में मोदी और विकास की रोशनी बिखेरना है.
सलाम का कहना है कि अल्पसंख्यकों की आवाज बनना उनके लिए महत्वपूर्ण है. भारत में अल्पसंख्यक सबसे सुरक्षित हैं. भारतीय मुसलमानों को सउदी अरब से भी अधिक सुरक्षित ठिकाना भारत में ही प्राप्त है. उन्हें वह करने की अधिकतम स्वतंत्रता है जो वे चाहते हैं. वे अपने धर्म को व्यक्त कर सकते हैं, उसका विस्तार कर सकते हैं और उन्हें लोकतांत्रिक स्वतंत्रता है.