Ram Mohan Naidu: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के सांसद किंजरापु राम मोहन नायडू को मोदी 3.0 कैबिनेट में शामिल किया गया है. राम मोहन नायडू, संसद में मासिक धर्म स्वास्थ्य शिक्षा (Menstrual health education) और यौन शिक्षा की वकालत करने वाले पहले सांसदों में से एक है. उन्होंने सैनिटरी पैड पर जीएसटी हटाने के लिए भी अभियान चलाया है.
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकलुम से तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद किंजरापु राम मोहन नायडू ने रविवार को मोदी सरकार के तीसरे चरण के सदस्य के रूप में शपथ ली. 36 साल के सांसद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट के सबसे युवा मंत्रियों में से एक हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीडीपी नेता के येरन नायडू के बेटे राम मोहन ने 'लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी' से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद सिंगापुर में काम करना शुरू किया. 2012 में एक सड़क दुर्घटना में अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में शामिल हो गए.
राम मोहन ने 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2014 में सांसद चुने जाने वाले राम मोहन नायडू दूसरे सबसे युवा सांसद बने थे. उन्होंने टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में काम किया है.
राम मोहन ने 2024 का लोकसभा चुनाव श्रीकाकुलम से 3.27 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीता है. 18 दिसंबर, 1987 को श्रीकाकुलम के निम्माडा में जन्में राम मोहन नायडू पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीडीपी नेता येरन नायडू के बेटे हैं. राम मोहन नाडयू के अपने भाई बहनों में छोटे हैं. श्रीकाकुलम से शुरुआती पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी की है.
कॉलेज की पढ़ाई के बाद राम मोहन नायडू अमेरिका चले गए और Purdue University से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की. इसके बाद लॉन्ग आईलैंड से एमबीए भी किया. राम मोहन नायडू को टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू का करीबी माना जाता है. उन्हें 2020 में संसद रत्न पुरस्कार भी मिला था. उनके पिता भी सबसे कम उम्र में कैबिनेट मंत्री बने थे.