Mob attacks Telangana school: भगवा पहने स्कूली छात्रों को मना करना पड़ा महंगा! ताबड़तोड़ बरसने लगे पत्थर

Mob Attacks Telangana School: तेलंगाना के एक स्कूल को भगवा का विरोध करना भारी पड़ गया. कहा जा रहा है कि कुछ छात्र भगवा रंग के कपड़े पहनकर स्कूल पहुंचे, जिसके बाद स्कूल की ओर से कहा गया कि इसके लिए उन्हें अपने पैरेंट्स से परमिशन लेनी होगी. इसके बाद भीड़ ने स्कूल में तोड़फोड़ की. पुलिस ने FIR दर्ज की है और वायरल वीडियो की पड़ताल कर रही है.

Mob Attacks Telangana School: तेलंगाना के मंचेरियल जिले में एक मिशनरी स्कूल में जमकर तोड़फोड़ हुई है. घटना 16 अप्रैल की बताई जा रही है. दावा किया जा रहा है कि कुछ छात्र भगवा रंग की पोशाक पहनकर स्कूल पहुंचे. इस दौरान स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि इसके लिए उन्हें अपने पैरेंट्स से अनुमति लेनी होगी. इससे नाराज भीड़ ने स्कूल में जमकर पत्थरबाजी की और स्कूल के गेट और खिड़कियों में लगे शीशे को तोड़ दिया. पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है और जांच पड़ताल कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, 16 अप्रैल को कन्नेपल्ली गांव में लक्सेटिपेट के सेंट मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल में 'जय श्री राम' नारा लगाती भीड़ पहुंची. उन्होंने यहां जमकर तोड़फोड़ भी की.मंचेरियल के डीसीपी अशोक कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि स्कूल में एग्जाम्स चल रहे थे. कुछ स्टूडेंट्स भगवा रंग के कपड़े पहनकर पहुंचे. एग्जाम के बाद प्रिंसिपल ने छात्रों से कहा कि वे स्कूल के यूनिफॉर्म में आएं और अगर वे भगवा कपड़े पहनना चाहते हैं तो उन्हें इजाजत लेनी होगी. ये बात जब छात्रों ने अपने माता-पिता को बताई, तो वे भड़क गए. स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ पहले भी कुछ शिकायतें आई थीं और अब भगवा पहनने से छात्रों को इनकार किया जाने के बाद भीड़ ने स्कूल पर पथराव कर दिया.

आखिर भगवा पहनकर क्यों स्कूल गए थे छात्र? 

पुलिस के मुताबिक, जो छात्र स्कूल में भगवा पहनकर गए थे, वे 41 दिनों की तपस्या 'हनुमान दीक्षा' का पालन कर रहे थे. छात्रों के माता-पिता और स्कूल प्रशासन की शिकायतों के आधार पर दांडेपल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं. पुलिस वीडियो की जांच कर आरोपियों की पहचान कर रही है.

पुलिस शिकायत में, एक छात्र के माता-पिता ने कहा कि उनके बेटे और कक्षा 4 में पढ़ने वाले उसके दो दोस्तों को 'हनुमान माला दीक्षा' पोशाक पहनने के कारण स्कूल में घुसने नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल के प्रिंसिपल ने जानबूझकर उनकी धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है और धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे रहे हैं और सार्वजनिक शांति में खलल डाल रहे हैं.

स्कूल प्रशासन ने अपनी शिकायत में चार संदिग्धों और अन्य को स्कूल में जबरन घुसने, मारपीट करने और क्लासरूम की खिड़कियों को तोड़ने का आरोपी बताया. उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा की एक मूर्ति और गेट को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. 

500 से अधिक लोगों ने किया हमला

स्कूल की ओर से बताया गया कि छात्रों को सोमवार को परीक्षा में बैठने की परमिशन दी गई थी. ये खबर झूठ है कि उन्हें एग्जाम में शामिल नहीं होने दिया गया. झूठी खबर के फैलने के बाद मंगलवार सुबह 500 से अधिक लोग स्कूल पहुंचे. स्कूल पर करीब 4 घंटे तक पत्थरबाजी करते रहे. स्कूल की ओर से बताया गया कि प्रिंसिपल ने सोमवार दोपहर छात्रों से कहा कि उन्हें भगवा कपड़े पहनकर आने की अनुमति लेनी होगी. अगर उनके माता-पिता ने हमें फोन भी किया होता तो हम अनुमति दे देते. मंगलवार की सुबह भी एक छात्र भगवा कपड़े में आया और हमने उस छात्र को नहीं रोका. तब तक एक बड़ी भीड़ स्कूल में आ गई और हम पर हमला कर दिया.