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India Daily

एमके स्टालिन ने राज्यपाल विवाद के बीच विधानसभा में अधिक स्वायत्तता के लिए पेश किया प्रस्ताव

मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "एक-एक कर राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं. वहीं राज्य के लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए केंद्र से लड़ रहे हैं. हम किसी तरह अपने भाषाई अधिकार की रक्षा कर रहे हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
MK Stalin
Courtesy: Social Media

तमिलनाडु में राज्यपाल के साथ चल रहे तनाव के बीच मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया. उन्होंने राज्य को अधिक स्वायत्तता प्रदान करने वाला प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के जरिए उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों के अधिकारों को सीमित करने का आरोप लगाया. स्टालिन ने कहा कि यह कदम तमिलनाडु और अन्य राज्यों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी है. 

अपने संबोधन में स्टालिन ने देश की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए हैं. हमारे देश में अलग-अलग भाषा, जाति और संस्कृति के लोग रहते हैं. हम सब मिलजुलकर रहते हैं. डॉ. आंबेडकर ने देश की राजनीति और प्रशासन की प्रणाली को इस तरह बनाया कि सभी के हितों की रक्षा की जा सके." उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि संविधान सभी नागरिकों के अधिकारों की गारंटी देता है. 

केंद्र पर राज्यों के अधिकार छीनने का आरोप

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कई राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं. ऐसे राज्य के लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से लड़ रहे हैं. हम किसी तरह अपने भाषाई अधिकार की रक्षा कर रहे हैं. स्टालिन ने जोर देकर कहा कि राज्यों का विकास तभी संभव है, जब उनके पास पूर्ण प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां हों. 

एमके स्टालिन द्वारा गठित समिति, जिसमें पूर्व नौकरशाह अशोक शेट्टी और एमयू नागराजन भी शामिल होंगे, जनवरी 2026 तक अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और विस्तृत सिफारिशों वाली अंतिम रिपोर्ट दो साल के भीतर प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है.समिति को शासन और नीति-निर्माण के उन विषयों को पुनः प्राप्त करने के तरीके सुझाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है जो मूल रूप से राज्य सरकारों के एकमात्र अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत थे, लेकिन अब राज्य और केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से प्रशासित हैं.

राज्यों के अधिकारों की रक्षा करना उद्देश्य

घोषणा करते हुए स्टालिन ने कहा कि उनका उद्देश्य तमिलनाडु सहित सभी राज्यों के अधिकारों की रक्षा करना है. इसके अलावा, राज्य विधानसभा में अपने संबोधन में स्टालिन ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की तीखी आलोचना की. केंद्र पर भाषाई थोपने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि NEP का इस्तेमाल देश भर में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है.