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India Daily

स्टार्टअप पर ऐसा क्या बोल गए मंत्री पीयूष गोयल कि हो गया बवाल, Zepto के CEO ने लगाई 'क्लास'

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर बयान के बाद विवादों में फंस गए हैं. उनके इस बयान के बाद कई स्टार्टअप संस्थापकों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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Edited By: Shanu Sharma
Piyush Goyal
Courtesy: Social Media

Piyush Goyal: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर दिए गए बयान के बाद स्टार्टअप संस्थापक और नेता इसके बचाव में उतरे हैं. पीयूष गोयल ने स्टार्टअप इकोसिस्टम की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि देश में कई स्टार्टअप फ़ूड डिलीवरी और बेटिंग और फ़ैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप पर ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जबकि चीन जैसे देशों का स्टार्टअप EV, बैटरी तकनीक, सेमीकंडक्टर और AI पर काम कर रहा है. 

स्टार्टअप महाकुंभ में गुरुवार को बोलते हुए गोयल ने सवाल किया कि क्या देश तकनीकी प्रगति के लिए प्रयास करने के बजाय कम वेतन वाली गिग जॉब से संतुष्ट है. उन्होंने स्टार्टअप संस्थापकों से पूछा कि क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है? दुकानदारी ही करना है.

इंफोसिस के पूर्व सीएफओ ने दिया बयान 

पीयूष गोयल द्वारा की गई टिप्पणी के बाद स्टार्टअप और तकनीक की दुनिया के जाने-माने नामों से कड़ी प्रतिक्रियाएं मिली हैं. इंफोसिस के पूर्व सीएफओ और एक प्रमुख निवेशक मोहनदास पई ने कहा कि चीन के साथ तुलना अनुचित और बेकार है. उन्होंने रिप्लाई में भारत में डीप टेक के विकास को धीमा करने में सरकारी नीतियों की भूमिका पर सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ऐसी तुलनाएं गलत है. भारत में सभी क्षेत्रों में स्टार्टअप हो रहा है. हालांकि वह छोटा, ऐसे में इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए. 

अशनीर ग्रोवर ने दी प्रतिक्रिया 

केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी पर भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भारत के नेताओं को ‘रियलिटी चेक’ की जरूरत है. उनके अलावा सभी लोग पूर्ण वास्तविकता में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन में भी पहले खाद्य वितरण हुआ और फिर डीप टेक में विकसित हुआ था. इसके अलावा उन्होंने भारत सरकार की कमी को दर्शाया. इस मामले पर ज़ेप्टो के संस्थापक आदित पालिचा ने भी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि भारत में उपभोक्ता इंटरनेट स्टार्टअप की आलोचना करना आसान है. खासकर उस वक्त जब आप उनकी तुलना अमेरिका/चीन में बन रही गहन तकनीकी उत्कृष्टता से करते हैं. वास्तविकता यह है कि आज के समय में लगभग 1.5 लाख वास्तविक लोग केवल एक स्टार्टअप ज़ेप्टो पर आजीविका कमा रहे हैं. यह मामला धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ता जा रहा है.