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India Daily

Delhi Weather Update: दिल्ली में AQI की हालत फिर खराब, 9.8 डिग्री सेल्सियस गिरा तापमान

दिल्ली में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से 0.4 डिग्री कम है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी. राष्ट्रीय राजधानी में सुबह 8.30 बजे आर्द्रता का स्तर 97 प्रतिशत रहा.

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Edited By: Anvi Shukla
DELHI WEATHER UPDATE
Courtesy: pinterest

दिल्ली में मौसम में ठंडक का असर देखा जा रहा है, जहां न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. यह तापमान इस मौसम के सामान्य औसत से नीचे है और ठंडी हवाओं के कारण ठंड बढ़ गई है. इसके साथ ही, राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है, जो प्रदूषण के स्तर को लेकर चिंता का विषय है.

दिल्ली में बढ़ती ठंड और खराब वायु: दिल्ली में बढ़ती ठंड और खराब एयर क्वालिटी ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है. AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 'खराब' श्रेणी में आने का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जो सांस लेने में परेशानी का कारण बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें सांस संबंधी बीमारियाँ हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थितियों में लोगों को घर के अंदर रहना और बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी जाती है.

मौसम विभाग की भविष्यवाणी:
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक ठंडी हवाएं जारी रह सकती हैं और तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, वायु प्रदूषण में सुधार की कोई खास संभावना नहीं जताई जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए जल्द ही कुछ कदम उठाए जाएंगे, ताकि नागरिकों को राहत मिल सके.

स्वास्थ्य पर असर: 
वायु प्रदूषण और ठंड दोनों का स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है. खासकर अस्थमा और अन्य ब्रीथिंग संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय है. डॉक्टरों का कहना है कि इस समय के दौरान लोग बाहर जाने से बचें और अपने घरों में हवा की गुणवत्ता बनाए रखने के उपाय करें.

दिल्ली में मौसम और वायु प्रदूषण दोनों ही चिंता का कारण बने हुए हैं. जहां एक ओर तापमान में गिरावट के कारण ठंड बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर वायु गुणवत्ता 'खराब' स्तर पर बनी हुई है. नागरिकों को इन दोनों ही समस्याओं से बचने के लिए उचित सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता है, और सरकार को प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.