भारत ने वक्फ कानून के कारण पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणियों को खारिज कर दिया है. गुरुवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव ने भारतीय अधिकारियों से पिछले सप्ताह बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा से प्रभावित अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों की रक्षा करने की सलाह दी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए.
बांग्लादेश की टिप्पणी को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ढाका से कहा कि वह अनुचित टिप्पणियां करने के बजाय अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करे. जायसवाल ने कहा, "हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेशी पक्ष द्वारा की गई टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं. यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं.
अपने देश पर ध्यान दे बांग्लादेश
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि अनुचित टिप्पणियां करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. बता दें कि पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद से बांग्लादेश में स्थिति अस्थिर बनी हुई है. कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर कई हमले किए गए हैं. करीब 200 मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है और पुजारियों को गिरफ्तार किया गया है.
बांग्लादेश में हिंदूओं पर हमले
भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में विभिन्न राजनयिक स्तरों पर अक्सर चिंता जताई है. बांग्लादेश ने अल्पसंख्यकों के लक्षित उत्पीड़न के आरोपों से अक्सर इनकार किया है. हालांकि, हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने और धार्मिक त्योहारों के दौरान हमलों सहित हाल की घटनाओं ने मानवाधिकार समूहों और प्रवासी समुदायों की तीखी आलोचना की है.
बंगाल में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा
बंगाल में बांग्लादेश की सीमा से लगे दो जिलों में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा भड़क उठी है. यह कानून मुसलमानों द्वारा दान की गई वक्फ संपत्तियों के विनियमन में सरकार की भूमिका का विस्तार करता है. गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट से पता चला है कि बांग्लादेशी बदमाशों ने हिंसा भड़काई, जिसके बाद भाजपा और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.