आज कल जहां कुत्ते को देखते ही लोग अपना रास्ता बदले देते हैं या उन्हें भगा देते हैं. पटियाला का एक गांव ऐसा भी है जहां के लगभग 800 परिवार कुत्तों को भगवान का दर्जा देते हैं. जहां लोगों को कुत्तों से डर लगता है, वहीं इस गांव में कुत्तों की पूजा की जाती है और उन्हें भोग लगाया जाता है.
पटियाला-चंडीगढ़ रोड पर गांव खानपुर में कई सालों से कुत्तों की पूजा की जाती है. आपको बता दें कि ये कोई साधारण कुत्ते नहीं हैं, बल्कि इनके मान करोड़ों की संपत्ति भी है. यहां कुत्तों का राज चलता है. यहां रहने वाले कुत्तों के नाम पर लगभग 160 बीघे जमीन है. यहां पर कुत्तों को तीन बार भोजन दिया जाता है. खास बात ये हैं कि कुत्तों को खाना देने से पहले यहां के महंत को कुछ भी खाने की अनुमति नहीं है.
खाने में दी जाती है मिस्सी रोटी और लस्सी
कुत्तों को खाने में मिस्सी रोटी और लस्सी दी जाती है. यहं के शिव मंदिर के चबूतरे पर खड़े होकर महंत आओ-आओ की आवाज देते हैं. देखते ही देखते वहां कुत्तों का झुंड पहुंच जाता है. महंत अपने हाथों से इन्हें खाना देते हैं. सुबह शाम इनकी आरती की जाती है. कई गांवों से लोग यहां मन्नत मांगने आते हैं.
कुत्तों के नाम पर जगह
पटियाला के महाराज को जब भगवान गिरी जी की महानता का पता चला तो वे डेरे में गए और उनसे आशीर्वाद लिया. इसके बाद उन्होंने बाबा को जमीन दान में देनी चाही, लेकिन उन्होंने अपने नाम पर जमीन लेने के बजाय बेजुबान कुत्तों के नाम पर जमीन देने की सलाह दी. तब से कुत्तों के नाम पर जमीन है. भगवान गिरी जी जब तपस्या करते थे तो उनके साथ कुछ कुत्ते भी बैठते थे. कुत्ते भी तप के बल से प्रभावित होने लगे. जब बाबा ने अपने साथ रहने वाले इन कुत्तों के नाम पर राजा से ली गई जमीन लिखवाई, तो लोगों में उनके प्रति अधिक श्रद्धा जाग गई. तब से लोग इनकी पूजा करने लगे.