डायमंड हाउस, 19,230 करोड़ की संपत्ति...चुनावी बांड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार मेघा इंजीनियरिंग के मालिक का साम्राज्य
पामीरेड्डी पिची रेड्डी ने कभी मात्र 5 लाख रुपए के साथ शेड के नीचे इस कंपनी की शुरुआत की थी. आज इस कंपनी की कीमत 67,000 रुपए हो चुकी है.
चुनावी बांड का डेटा सामने आने के बाद से मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड कंपनी खबरों में बनी हुई है. मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बांड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी. हाल ही में सीबीआई ने कंपनी के मालिक और अरबपति पामीरेड्डी पिची के खिलाफ घूसखोरी का मामला दर्ज किया है. अरबपति पामीरेड्डी पिची आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता एक किसान थे. 67000 करोड़ रुपए की कंपनी के साथ उनकी खुद की संपत्ति 19,230 करोड़ रुपए है और हैदराबाद में वह एक हीरे के आकार के मकान में रहते हैं.
5 लाख रुपए से 67000 करोड़ तक का सफर
आज भले की मेघा इंजीनियरिंग 67,500 करोड़ की कंपनी बन गई हो लेकिन उन्होंने कभी मात्र 5 लाख रुपए से एक टीन शेड के नीचे इस कंपनी की शुरुआत की थी. शुरुआत में इस कंपनी का नाम मेघा इंजीनियरिंग इंटरप्राइजेज था जो शुरुआत में नगरपालिकाओं के लिए पाइप का निर्माण करती थी.
दो साल बाद उनके भतीजे पीवी कृष्णा रेड्डी कंपनी से जुड़े और दोनों ने सड़क निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर की योजनाओं में हाथ आजमाना शुरू कर दिया और 2006 में उन्होंने इस कंपनी का नाम मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड (MEIL) कर दिया.और इस तरह दोनों चाचा भतीजे पामीरेड्डी पिची रेड्डी और कृष्णा रेड्डी साल दर साल सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए और इंडस्ट्री के तमाम दिग्गजों को पछाड़ते हुए उनकी कंपनी भारत की टॉप परफॉर्मिंग अनलिस्टेड कंपनी बन गई.
आज दुनिया के कई देशों में फैला व्यापार
राजनीति के बड़े दिग्गजों की सहयोग से मेघा इंजीनियरिंग का व्यापार भारत के 20 राज्यों और बांग्लादेश और कुवैत समेत कई देशों में फैलता गया. 25000 हजार करोड़ से बनाई गई जोजिला टनल का निर्माण भी मेघा इंजीनियरिंग ने ही किया है. यह ऑल वेदर टनल कश्मीर के गांदरबल को कारगिल के द्रास से जोड़ती है. इसके अलावा कंपनी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्टेशन का भी निर्माण कर रही है.
हीरे के आकार के मकान में रहते हैं पीपी रेड्डी
आज पीपी रेड्डी हैदराबाद के करोड़ों रुपए की कीमत के एक आलीशान मकान में रहते हैं और यह घर शहर के प्रमुख स्थलों में से एक है. यह मकान एक हीरे के आकार का दिखता है. उनके फार्महाउस पर एक गोल्फ कोर्स भी है.
कंपनी पर क्या है आरोप
बता दें कि मेघा इंजीनियरिंग कंपनी ने 966 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बांड खरीदे थे और दूसरी सबसे बड़ी खरीदार कंपनी बनी थी. सीबीआई ने हाल ही में मेघा इंजीनियरिंग और कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ घूसखोरी का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि 8 सरकारी अधिकारियों ने कंपनी के छत्तीसगढ़ के जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट के 174 करोड़ रुपए के बिलों को मंजूरी देने के लिए 78 लाख रुपए की घूस ली थी.