ISRO News: चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की फिर से नजरें चांद पर हैं. पृथ्वी के एकमात्र उपग्रह पर इसरो अब इंसानों को भेजने की तैयारी कर रही है. इसरो के मुखिया डॉ. एस सोंमनाथ ने इस बारे में जानकारी दी है. इस दौरान उन्होंने भविष्य के मिशन और अगली पीढ़ी वाले लॉन्चिंग व्हीकल ( NGLV ) के बारे में भी बात की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनजीएलवी को मनुष्यों को चांद की सतह पर ले जाने के हिसाब से बनाया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, इसरो प्रमुख ने बताया कि हम एनजीएलवी या सूर्या नाम का रॉकेट डिजायन कर रहे हैं. इसमें लिक्विड ऑक्सीजन और मीथेन आधारित इंजन लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें लोअर स्टेज के लिए लिक्विड ऑक्सीजन और मीथेन इंजन होंगे. वहीं, अपर स्टेज में क्रायोजेनिक इंजन लगाया जाएगा.
इसरो चीफ ने कहा कि मेगा रॉकेट सूर्या मौजूदा रॉकेट की तुलना में काफी विशाल होगा. लो अर्थ ऑर्बिट ( एलईओ ) पेलोड क्षमता 40 टन से ज्यादा होगी. यह मानव आधारित अंतरिक्ष उड़ानों के लिए बेहद जरूरी है. सूर्या रॉकेट से उम्मीद है कि वह साल 2040 तक भारत के गगनयात्री को चंद्रमा की सतह पर लेकर जाएगा.
इंटरव्यू के दौरान इसरो चीफ से पुष्पक के बारे में पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा कि पुष्पक के स्केल डाउन वेरिएंट का पहला चरण पूरा हो गया है. तीन सक्सेफुल लैंडिंग के साथ हम बड़ा वैरिएंट बनाने की प्रक्रिया में हैं. यह स्केल डाउन मॉडल से 1.6 गुना अधिक होगा. इसरो ने बीते दिनों दोबारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले प्रक्षेपण यान पुष्पक की लगातार तीसरी बार सफल लैंडिंग कराई थी.