Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई पढ़ रहे दूसरे वर्ष के छात्र को हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया. इस घटना के सामने आते ही पूरे परिसर में डर का माहौल हो गया. वहीं अधिकारी उसकी मौत की जांच में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक MBBS का छात्र नरसापुरम के पास बदीदा गांव के मूल निवासी थे. जो की रावुरी साई राम काकीनाडा में रंगाराया मेडिकल कॉलेज (आरएमसी) के छात्रावास में रह रहे थे.
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि 23 वर्षीय छात्र ने अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली. इस दौरान उसका रूममेट दूसरे कमरे में पढ़ाई कर रहा था. हालांकि उसके इस कदम के पीछे का मुख्य कारण का अभी पता नहीं चल पाया है.
छात्र की मौत को लेकर माना जा रहा है कि वह पढ़ाई के प्रेशर से काफी ज्यादा परेशान था. उसके साथ पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि एमबीबीएस की प्रायोगिक परीक्षाएं इस महीने की 21 तारीख से शुरू होने वाली थी. सारे छात्र इस परीक्षा की तैयारी में लगे थे. हालांकि अधिकारी प्रेशर के अलावा भी सभी संभावित कोणों से जांच कर रहे हैं और आगे के विवरण की प्रतीक्षा है.
यह घटना आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के नारायण कॉलेज में प्रथम वर्ष के इंटरमीडिएट के छात्र द्वारा कॉलेज की इमारत की तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान देने के एक महीने से भी कम समय बाद हुई है. गुरुवार की सुबह हुई यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों ने पुष्टि की कि छात्र ने संक्रांति की छुट्टियों के बाद कॉलेज लौटने के तुरंत बाद सुबह करीब 10.30 बजे छलांग लगा दी. बट्टालपल्ली मंडल के रामपुरम का रहने वाला छात्र अस्पताल ले जाने से पहले ही दम तोड़ दिया.
छात्रों की बढ़ती आत्महत्या के मामले को लेकर ना केवल परिवार बल्कि सरकार भी गंभीर है. कंपटीशन के दौर में सभी लोग आगे निकलना चाहते हैं. फेलियर के भार को ना सहने की हिम्मत छात्रों को ऐसे फैसले लेने के लिए प्रेरित करता है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने एक दिन पहले ही परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम को संबोधित किया था. जिसमें उन्होंने छात्रों को सफल होने और प्रेशर मैनेजमेंट के तरीके बताए थे. इस कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्रों ने भी पीएम मोदी से कई गंभीर सवाल किए.