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'निर्वासन में अवैध प्रवासियों को नहीं लगाई बेड़ियां', जानिए विदेश मंत्रालय ने और क्या कहा?

इस मामले में विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई सफाई के बाद यह साफ हो गया कि दूसरे जत्थे में किसी भी व्यक्ति को बेड़ियों में नहीं जकड़ा गया. हालांकि, अब भी इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर दबाव बनाए हुए है.

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Edited By: Mayank Tiwari
अमेरिका से डिपोर्ट भारतीयों को लेकर वापस आता अमेरिकी विमान (फाइल फोटो)
Courtesy: Social Media
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अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिकी सेना का विमान पिछले दिनों श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा. जहां सबसे ज्यादा पंजाब के 67 लोग हैं, जबकि 33 लोग हरियाणा के रहने वाले थे. इनके अलावा गुजरात के आठ, उत्तर प्रदेश के तीन, गोवा-राजस्थान व महाराष्ट्र के 2-2 और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के एक-एक शामिल थे. अमेरिकी विमान द्वारा भारतीय निर्वासितों के दूसरे जत्थे को लेकर हाल ही में अमृतसर पहुंचने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

अमेरिका द्वारा निर्वासित किए गए भारतीयों का दूसरा जत्था

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते15 और 16 फरवरी को अमेरिका ने भारतीयों के दूसरे जत्थे को लेकर एक विमान भारत भेजा. यह भारतीय नागरिक अमेरिका में बिना वैध दस्तावेज़ों के रह रहे थे. विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि इन नागरिकों को लेकर सरकार की चिंताएं अमेरिकी अधिकारियों के साथ शेयर की गई थीं.

मानवाधिकार का उल्लंघन न हो: रणधीर जयसवाल

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने वीकली मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हमने अमेरिकी सरकार के साथ अपनी चिंता शेयर की थी कि निर्वासित किए जा रहे नागरिकों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाए और उनकी धार्मिक संवेदनाओं का भी पूरा सम्मान किया जाए. उन्होंने आगे कहा, "हमारी समझ के मुताबिक, 15 और 16 फरवरी को अमृतसर पहुंचे विमान में किसी भी महिला और बच्चे को बेड़ियों में नहीं जकड़ा गया।".

पहले जत्थे के मुद्दे पर विपक्ष का हमला

यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि जब अमेरिका का पहला विमान भारतीय निर्वासितों को लेकर भारत पहुंचा था, तो उन नागरिकों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां देखी गई थीं. हालांकि, इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा था और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था.