Women's Reservation Bill: मायावती ने समर्थन के साथ मोदी सरकार के सामने रख दी बड़ी शर्त, जानें क्या दिया बड़ा बयान?

Women's Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हम इस बिल के साथ हैं. साथ ही एससी, एसटी, ओबीसी कोटा भी सुनिश्चित होना चाहिए. अगर, ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी.

Avinash Kumar Singh

Women's Reservation Bill: महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला बिल लोकसभा में पेश हुआ. इस बिल में महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. अब कल लोकसभा में सात घंटे इस बिल पर चर्चा होगी. तमाम पार्टियों के नेताओं की ओर से इस बिल के समर्थन में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बिल को लेकर अपना स्टैंड साफ कर दिया है.

आबादी के हिसाब से महिलाओं को मिलनी चाहिए 50 प्रतिशत आरक्षण

महिला आरक्षण बिल को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि "हम इस बिल के साथ हैं. साथ ही एससी, एसटी, ओबीसी कोटा भी सुनिश्चित होना चाहिए. अगर, ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी. अगर आबादी के हिसाब से महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण दिया जाता है तो हमारी पार्टी इसका भी स्वागत करेगी. हमें उम्मीद है कि इस बार ये बिल पास हो जायेगा, जो लम्बे समय से टलता आ रहा हैं. मैं केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे इस बिल का समर्थन करती हूं"

महिला आरक्षण बिल को पास कराने में BSP करेगी समर्थन

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इशारों ही इशारों में बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि "महिला आरक्षण बिल को जातिवादी पार्टियां आगे बढ़ते नहीं देखना चाहती हैं. इन वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम ये मान कर चलेंगे कि ये कांग्रेस की तरह इन्हें हाशिये पर रखना चाहते हैं. सीटें बढ़ाई जाएं तो किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. हम पूरा समर्थन देंगे और बिल पास करने में मदद करेंगे. पुराने संसद भवन से विदाई हो चुकी है. इसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकता है. मुझे संसद के दोनों सदनों में जाने का मौका मिला, जो मेरे लिए सौभाग्य की बात है. नए संसद की शुरूआत आज से की जा रही है जिसका बसपा दिल से स्वागत करती हैं"

लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181

विधेयक को सदन के पटल पर पेश करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ‘यह विधेयक महिला सशक्तिकरण करेगा. संविधान के अनुच्छेद 239ए में संशोधन करके महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी. अनुच्छेद 330ए के तहत सदन में एससी/एसटी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी. इस विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी. इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा .इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा. 15 साल बाद महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा’

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