Bangladesh: मौलाना तौकीर रजा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को गलत ठहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर हस्तक्षेप करना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि अगर सरकार अनुमति देती है तो वह बांग्लादेश जाकर वहां के मुसलमानों को समझाने के लिए तैयार हैं.
मौलाना तौकीर रजा ने कहा, "देश में हर किसी को अपनी धार्मिक पहचान को खुलकर मानने का अधिकार है. हिंदू भाई-बहन अपने धार्मिक प्रतीकों जैसे टीका आदि के साथ पूरी आज़ादी से अपने धर्म का पालन करें और मुसलमान कलमा और आयतों के साथ अपने धार्मिक लिबास में आज़ादी से रहें. यही हिंदुस्तान की तहज़ीब है और किसी को अपनी शिनाख्त छिपाने की जरूरत नहीं है." उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचारों की स्थिति बिल्कुल गलत है, और इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश के शासकों से बात कर इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए.
सरकार की अनुमति से बांग्लादेश जाने को तैयार
मौलाना ने यह भी कहा कि अगर भारतीय सरकार से अनुमति मिलती है तो वह बांग्लादेश जाकर वहां के मुसलमानों को यह समझाने के लिए तैयार हैं कि इस्लाम किसी पर अत्याचार करने की इजाजत नहीं देता, बल्कि जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने की शिक्षा देता है.
अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे पर मौलाना ने क्या कहा?
मौलाना तौकीर रजा ने अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे को लेकर दायर याचिका पर भी बयान दिया. उन्होंने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया और कहा कि मस्जिदों, मदरसों और मजारों पर ऐसे दावे करके मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है. मौलाना ने आरोप लगाया कि अजमेर शरीफ की 800 साल पुरानी दरगाह पर मंदिर का दावा करना देश में नफरत फैलाने और मुसलमानों को कमजोर करने की कोशिश है.
मौलाना ने आगे कहा, "किसी भी धर्म या जाति को कमजोर करना, असल में देश को कमजोर करना है. ऐसे लोग जो देश को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, वे देश के वफादार नहीं हो सकते." आईएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह पर कोर्ट में दायर याचिका को लेकर मुसलमानों में गुस्सा और बेचैनी का माहौल है.