असदुद्दीन ओवैसी को याद आई 600 साल पुरानी मस्जिद, लगाया शहीद करने का आरोप
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दिल्ली में 600 साल पुरानी मस्जिद को शहीद कर दिया गया. आज देश के मुसलमानों का हालत ऐसी हो गई है, जैसे हिटलर के दौर में यहूदियों की हुआ करती थी.
नई दिल्ली: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से मुस्लिम समुदाय से मस्जिदों को आबाद रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मेरी उन माओं से उन बहनों से अपील है कि भारत की मस्जिदों को आबाद रखिए. हर बाप अपने औलाद को मस्दिज ले जाए. औलाद को सिर्फ जुम्मे के दिन या ईद की नमाज में नहीं बल्कि रोज मस्जिद लेकर जाओ.
'600 साल पुरानी मस्जिद को शहीद कर दिया'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा "मैंने एक डेढ़ महीना पहले जब ये बात कहना शुरू किया, तो कहा गया कि ओवैसी जज्बाती बात कर रहा है और डरा रहे हैं. मस्जिदों को आबाद करना हमारा फर्ज है. उन्होंने कहा, "मस्जिद को आबाद तो वही लोग करेंगे जो अल्लाह पर इमान रखते हैं और अल्लाह से डरते हैं. दिल्ली में 600 साल पुरानी मस्जिद को शहीद करके रख दिया. अब जो तमाशे हो रहे हैं उसे आप देख रहे हैं कि किस तरह से मस्जिदों को छिन लिया जाए. लोग तनकीद करते हैं, मुझे उसकी परवाह नहीं है. मैं तुम्हारी तनकीदों से अपनी जुबान को बंद नहीं करूंगा. मेरा हिसाब अल्लाह करेगा."
'यहूदियों की तरह है मुसलमानों की हालात'
इसके पहले केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि आज देश के मुसलमानों का हालत ऐसी हो गई है, जैसे हिटलर के दौर में यहूदियों की हुआ करती थी. स्कूल में सबसे ड्रॉप आउट और स्कूल में सबसे कम एनरोलमेंट मुसलमानों में है. इस सरकार ने मुसलमानों के बच्चो को मिलने वाली स्कॉलरशिप को कम किया. ज्ञानवापी को लेकर उन्होंने कहा कि 1993 के बाद से आप खुद कह रहे हैं कि वहां कुछ नहीं हो रहा था. अपील के लिए 30 दिन का समय देना था.
किस मस्जिद को याद कर रहे हैं असदुद्दीन ओवैसी
दक्षिणी दिल्ली इलाके में 30 जनवरी को एक मस्जिद को दिल्ली विकाश प्राधिकरण ने ढहा दिया. बताया जा रहा है कि मस्जिद 600 साल पुरानी थी. स्थानीय लोगों नेदावा किया कि मेहरौली की अखूंदजी मस्जिद का निर्माण रजिया सुल्तान के शासनकाल में करवाया गया था. मस्जिद के इमाम ने आरोप लगाया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को गुपगुचुप तरीके से मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चलाकर उसे ढहा दिया. हालांकि, इस कार्रवाई को लेकर डीडीए के अधिकारियों ने वजह भी बताई है. डीडीए ने बताया कि संजय वन में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. इसी क्रम में ये कार्रवाई की गई है.