नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के मौके पर यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले अमर शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा. कैप्टन अंशुमान सिंह देवरिया जिले के पहला ऐसे परिवार है, जिन्हें जिन्हें यह वीरता पुरस्कार मिला है. पिछले साल जुलाई में सियाचिन ग्लेशियर के पास लगी आग के दौरान दूसरों को बचाने के बाद अपनी जान न्योछावर करने वाले सेना के डॉक्टर कैप्टन अंशुमन सिंह उन छह सैनिकों में शामिल हैं, जिन्हें गणतंत्र दिवस पर कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा. जो शांतिकाल में वीरता के लिए देश का दूसरा सबसे बड़ा पदक है.
कैप्टन अंशुमन सिंह आर्मी मेडिकल कोर 26वीं बटालियन पंजाब रेजिमेंट के वीर सैनिक रहे. अंशुमान सिंह ने 19 जुलाई 2023 को फाइबरग्लास की झोपड़ी में आग लगने के बाद 4-5 लोगों की जान बचाने में मदद की थी. यूपी की देवरिया जिले के लार विकास खंड के बरडीहा दलपत गांव के रहने वाले रवि प्रताप सिंह के पुत्र अंशुमान सिंह ने AFMC (आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज) पुणे में चयन के बाद वहां से MBBS की पढ़ाई की. इसके बाद अंशुमान का चयन सेना के मेडिकल कोर में हो गया.
आगरा मिलिट्री हॉस्पिटल में ट्रेनिंग के बाद डा. अंशुमान सिंह की तैनाती आगरा में ही हो गई. आगरा के बाद उनकी तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में हुई थी. जहां गोला बारूद के भंडार में शॉर्ट सर्किट से आग लग जाने के कारण उन्होंने अपनी जान की बिना परवाह किये अपने साथियों सैनिकों में निकालने में मदद की. सियाचिन ग्लेशियर में 19 जुलाई 2023 को बंकर में अचानक आग लग गई थी. कैप्टन अंशुमान सिंह जवानों को बचाने के लिए बंकर में घुस गए. उन्होंने चार जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन खुद अंदर फंस गए जिसमें वह बुरी तरह झुलस गए थे. उन्हें हेलिकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया,जहां इलाज़ के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित दो अन्य लोग हवलदार अब्दुल माजिद (पैरा-स्पेशल फोर्सेज) और सिपाही पवन कुमार (राष्ट्रीय राइफल्स) हैं. दोनों ने जम्मू-कश्मीर में कई ऑपरेशनों के दौरान अपनी बहादुरी का परिचय दिया था. मेजर दिग्विजय सिंह रावत (पैरा-स्पेशल फोर्सेज), दीपेंद्र विक्रम बस्नेत (सिख रेजिमेंट) और हवलदार पवन कुमार यादव (महार रेजिमेंट) कीर्ति चक्र के अन्य पुरस्कार विजेता हैं. 16 शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता भी है.