खत्म हुआ मराठा आरक्षण आंदोलन, महाराष्ट्र सरकार ने मानी सभी बातें, अनशन तोड़ेंगे मनोज जरांगे
Maratha Aarakshan: महाराष्ट्र का मराठा आरक्षण आंदोलन अब खत्म हो गया है. आंदोलन के कर्ताधर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा कर दी है. दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन की सभी बातें मान ली हैं.
Maratha Aarakshan: महाराष्ट्र का मराठा आरक्षण आंदोलन अब खत्म हो गया है. आंदोलन के कर्ताधर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा कर दी है. दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन की सभी बातें मान ली हैं. खबर है कि आज सुबह 8 बजे मनोज जरांगे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थित में अपना अनशन तोड़ सकते हैं. इसके साथ ही सीएम एकनाथ शिंदे और मनोज जरांगे संयुक्त प्रेस वार्ता कर सकते हैं.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दीपक केसरकर और मंगल प्रभात लोढ़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बीती रात मराठा आंदोलन के मुखिया मनोज जरांगे के पास उनकी विभिन्न मांगों के संबंध में एक मसौदा अध्यादेश पहुंचे थे. मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर की गई सभी बातें सरकार ने मान ली हैं और उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को सरकार ने वापस ले लिया है.
मनोज अपने हजारों समर्थकों के साथ नवी मुंबई में डेरा जमाए हुए हैं. जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को शनिवार सुबह 11 बजे तक का उनकी मांगों को पूरी करने का अल्टीमेट दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर सरकार ने उनकी मांगे पूरी नहीं की तो वो 12 बजे मुंबई के आजाद मैदान पहुंचकर आंदोलन करेंगे.
20 जनवरी को मनोज जरांगे ने अंतरवाली सराटी से मुंबई के लिए यात्रा शुरू की थी. 26 जनवरी से उन्होंने मुंबई के आजाद मैदान पर भूख हड़ताल शुरू करने की बात कही थी. हालांकि, मुंबई पुलिस ने उन्हें भूख हड़ताल करने की इजाजत नहीं दी थी.
मराठा आरक्षण की मुख्य मांग थी कि सरकार मराठा समुदाय को को कुनबी उपजाति का प्रमाण पत्र और अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण दे. सरकार का मत था कि जिनके पास कुनबी जाति का प्रमाण पत्र है उन्हीं को आरक्षण दिया जाएगा. अब मराठा समुदाय के लोग भी कुनबी जाति का प्रमाण पत्र हासिल कर ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आरक्षण का फायदा उठा सकते हैं.
मनोज जरांगे ने मांग की थी कि सरकार 54 लाख लोगों को कुनबी उपजाति का प्रमाणपत्र दे. और जिनके पास रिकॉर्ड नहीं है उन्हें भी सरकार एक शपथ पत्र लिखकर दे कि उन्हें भी प्रमाणपत्र मिलना चाहिए.
25 अक्टूबर 2023 को मनोज जरांगे जालना जिले के अंतरवाली सराठी गांव में भूख हड़ताल पर बैठे थे. नौ दिनों तक चले तक आंदोलन से जुड़े 29 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. इस घटनाक्रम के बाद सरकार ने मनोज से भूख हड़ताल आंदोलन खत्म करने की अपील की और कहा कि सरकार मराठा समुदाय को स्थायी मराठा आरक्षण देने का वादा करती है. जिसके बाद 2 नवंबर को मनोज ने भूख हड़ताल खत्म कर दी थी.