PhD के लिए माओवादी को मिली पैरोल, जेल से आएगा बाहर, जानें कौन है अर्णब दाम?

Maoist Arnab Dam Parole: माओवादी नेता अर्नब दाम को लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार पीएचडी का मौका मिल गया है. उसे अंतरिम पैरोल मिली है. कहा जा रहा है कि आज माओवादी नेता के पीएचडी में एडमिशन की संभावना है. अर्नब दाम 2010 में झारग्राम जिले में ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स शिविर पर हुए हमले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

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Maoist Arnab Dam Parole: माओवादी नेता अर्नब दाम को पीएचडी के लिए अंतरिम पैरोल मिल गई है. अर्नब दाम फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहा है. उसके आज पीएचडी में एडमिशन लेने की संभावना है. पश्चिम बंगाल के झारग्राम में 2010 में हुए ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स के कैंप पर हमला मामले में उसे दोषी ठहराया गया है. 

दोषी करार दिये गये माओवादी नेता अर्नब दाम आज काउंसलिंग के लिए मौजूद रहेगा. पिछले सप्ताह बर्दवान यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए उसका एडमिशन रोक दिया गया था. अब राज्य सुधार गृह ने शनिवार को उसकी अंतरिम पैरोल को मंजूरी दे दी, जिससे अर्नब को यूनिवर्सिटी के नजदीकी जेल में शिफ्ट किया जा सके. 46 वर्षीय साल के अर्नब को रविवार को हुगली से बर्दवान सुधार गृह शिफ्ट भी कर दिया गया.

पश्चिम बंगाल के मंत्री ने क्या कहा?

पश्चिम बंगाल के सुधार प्रशासन मंत्री अखिल गिरि ने कहा कि यूनिवर्सिटी कैंपस में अर्नब को सिक्योरिटी दी जाएगी. सोमवार को काउंसलिंग के बाद अर्नब पीएचडी की पढ़ाई जारी रख सकेगा. इंटरव्यू में टॉप स्थान पर रहे दाम ने पिछले सप्ताह सांकेतिक उपवास शुरू किया था, क्योंकि यूनिवर्सिटी की ओर से उसका एडमिशन रोक दिया गया था. अब अंतरिम पैरोल को मंजूरी और यूनिवर्सिटी के नजदीकी जेल में शिफ्ट किए जाने के बाद अर्नब ने अपना उपवास तोड़ दिया है. 

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने किया था अर्नब का समर्थन

तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने अर्नब दाम की मांग का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि अर्नब दाम को यूनिवर्सिटी में पीएचडी में एडमिशन लेने की अनुमति दी जाए. उन्होंने ये भी कहा था कि आपराधिक मामलों में कानून के अनुसार उस पर मुकदमा जारी रहना चाहिए.

कुणाल घोष ने एक्स पर बंगाली में लिखे एक पोस्ट में कहा कि हम हत्या की राजनीति के खिलाफ हैं. हम अर्नब की रिहाई की मांग नहीं कर रहे हैं. लेकिन अगर कोई जेल में बंद होने के बावजूद उच्च शिक्षा की राह पर आगे बढ़ना चाहता है, तो क्या यह समाज में उम्मीद की किरण नहीं है?

अर्नब दाम ने पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम में 75% से अधिक मार्क्स प्राप्त किए थे, जो 26 जून को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की गई थी. यूनिवर्सिटी के अंतरिम कुलपति गौतम चंद्र ने शनिवार को कहा कि हम अर्नब को पीएचडी स्कॉलर के रूप में अपने यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिलाना चाहते हैं, क्योंकि उसने एंट्रेंस एग्जाम में टॉप किया था. लेकिन हमें यूजीसी के कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. हमने सुधार गृह के अधिकारियों को एक मेल भेजा है. एक बार जब हमें उनकी स्वीकृति मिल जाती है, तो हम उसे पीएचडी स्कॉलर के रूप में एडमिशन दे देंगे.

अर्नब दाम माओवादी नेता किशनजी का करीबी सहयोगी था. माओवादी नेता किशनजी 2011 में एक मुठभेड़ में मारे गया था. अर्नब दाम को 2012 में गिरफ्तार किया गया था. उसने सुधार गृह में ही रहकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की थी.