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India Daily

म्यांमार में 'ऑपरेशन ब्रह्मा' से बचाई कई जान, फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स टीम लौटी भारत

भारतीय जवानों ने कई लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला और नई जिंदगी दी. ऑपरेशन ब्रह्मा म्यांमार हुई त्रासदी के जवाब में भारतीय सेना द्वारा किया गया एक बहुत बड़ा प्रयास था. फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स टीम कल शाम को घर वापस लौट आई है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Op Brahma
Courtesy: Social Media

28 मार्च 2025 को म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई. देश का जनजीवन ही ठप कर दिया है. सैकड़ों लोगो की जान गई तो हजारों लोग हुए है बुरी तरह से घायल हुए. भारतीय सेना सबसे पहले मदद करने के लिए पहुंच गई थी और इसे मदद का नाम दिया  ऑपेरशन ब्रम्हा. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया. लोगों को मलबे से निकाला. 

भारतीय जवानों ने कई लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला और नई जिंदगी दी. ऑपरेशन ब्रह्मा म्यांमार  हुई त्रासदी के जवाब में भारतीय सेना द्वारा किया गया एक बहुत बड़ा प्रयास था. फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स टीम कल शाम को घर वापस लौट आई है. 

भारतीय सेना ने की अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग

म्यांमार में भूकंप के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन ब्रह्मा में भारतीय सेना ने अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर राहत और बचाव कार्यों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. इस अभियान में रोबोटिक म्यूल्स और नैनो ड्रोन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो न केवल बचाव कार्यों को तेज और सुरक्षित बना रहे हैं, बल्कि भविष्य के सैन्य और आपदा प्रबंधन अभियानों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं. रोबोटिक म्यूल्स, चार पैरों वाले स्वचालित उपकरण, खतरनाक और असमान इलाकों में सामग्री पहुंचाने में सक्षम हैं. ये म्यूल्स 100 किलो तक वजन उठा सकते हैं और मलबे से भरे क्षेत्रों में दवाइयां, उपकरण और राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं.

नैनो ड्रोन का इस्तेमाल 

नैनो ड्रोन, जो हथेली पर समा सकते हैं, मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ये ड्रोन 20-30 मिनट की उड़ान में लाइव स्ट्रीमिंग, थर्मल इमेजिंग और नाइट विजन के जरिए मेडिकल टीमों को तत्काल जानकारी प्रदान करते हैं. यह पहली बार है जब भारत ने इतने बड़े पैमाने पर स्वदेशी हाई-टेक तकनीक का उपयोग मानवीय कार्यों में किया है.