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मीडिया का सामना करने में कभी नहीं घबराए मनमोहन सिंह, वीडियो में देखें उनकी बेबाकी

मनमोहन सिंह नहीं रहे तो उनका प्रेस कॉन्फ्रेंस वायरल हो रहा है. 3 जनवरी, 2014 की वह प्रेस कॉन्फ्रेंस आज भी याद है. मनमोहन के सामने 100 से ज्यादा पत्रकार-संपादक बैठे थे.उस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनमोहन ने 62 अनस्क्रिप्टेड सवालों के जवाब दिए.

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Edited By: Gyanendra Sharma
manmohan Singh
Courtesy: Social Media

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्म में निधन हो गया. उन्हें शाम में एम्स में भर्ती कराया गया था. केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। साथ ही कल के सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए हैं। मनमोहन सिंह को सभी अपने-अपने तरीके से याद कर रहे हैं. मनमोहन उन लोगों में से रहे जिन्हें काम करने की आदत थी, शोर मचाने की नहीं.वह सवालों का सामना करने वाले पीएम थे. 

मनमोहन सिंह प्रेंस कॉन्प्रेंस करते थे और पत्रकारों के सवालों का जवाब देते थे. वे  सामने आकर जवाब देते थे. पद से हटने के बाद, 2018 में मनमोहन ने कहा भी थ मैं निश्चित रूप से ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता हो. 2014 में  प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने 100 से अधिक पत्रकारों के 62 सवालों के जवाब दिए। सभी सवालों को उन्होंने शालीनता, विनम्रता से जवाब दिया. 

प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रहा वायरल

आज जब मनमोहन सिंह नहीं रहे तो उनका प्रेस कॉन्फ्रेंस वायरल हो रहा है.  3 जनवरी, 2014 की वह प्रेस कॉन्फ्रेंस आज भी याद है. मनमोहन के सामने 100 से ज्यादा पत्रकार-संपादक बैठे थे.उस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनमोहन ने 62 अनस्क्रिप्टेड सवालों के जवाब दिए. यह किसी भारतीय पीएम का आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस था. UPA सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई थी और सारे सवाल उसी के ईर्द-गिर्द थे. इसमें मनमोहन सिंह ने कहा था, "मुझे ईमानदारी से विश्वास है कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया की तुलना में अधिक उदार होगा.

बयानबाजी से रहे दूर

मनमोहन सिंह काफी नपा तुला बोलने वाले शख्स थे. बयानबाजी से दूर रहते थे. जब वे बोलते थे तो लोग गंभीरता से सुनते थे. हालांकि उनके आलोचक उन्हें 'मौनमोहन' या 'साइलेंट पीएम' कहा करते थे. मनमोहन ने 2018 में जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि लोग कहते हैं कि मैं एक मौन प्रधानमंत्री था, लेकिन मुझे उम्मीद है कि ये खंड, खासकर वे दो खंड जो प्रधानमंत्री के रूप में मेरे भाषणों से संबंधित हैं, खुद ही अपनी बात कहेंगे. मैं निश्चित रूप से ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता था.