Manmohan Singh: आरोपों की बौछार से टूट गया था मनमोहन सिंह का मौन, सिर्फ एक बात से विपक्ष हो गया शांत
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर विपक्ष के नेताओं ने हमेशा एक ही शिकायत की है कि वो कांग्रेस के हर एक कृत्य को जानते हुए भी मौन रहें हैं, लेकिन लगातार विपक्ष की आलोचनाओं को सुनते-सुनते मनमोहन सिंह का जब मौन टूटा तब सब शांत हो गया.
Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश भर में शोक की लहर है. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया है. गुरुवार की रात उनके निधन की पुष्टि होते ही राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया. साथ ही 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. वहीं आज के सभी सरकारी कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. अब पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.
मनमोहन सिंह को सुनने की चाहत रखने वाले लोगों ने अक्सर एक शिकायत की. उनका कहना था कि सिंह कुछ बोलते ही नहीं, हालांकि उन्हें समझने वालों को ये बात मालूम थी कि मनमोहन जुबान चलाने में नहीं बल्कि कलम चलाने में भरोसा रखते हैं. एक बार लोगों की शिकायतों और आरोपों पर जवाब देते हुए सिंह ने कुछ ऐसा कहा था जिसे कभी भूला नहीं जा सकता है. उनके ये शब्द हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गए.
मीडिया और विपक्ष हो गए शांत
2014 लोकसभा चुनाव से पहले लंबी पारी खेलने वाली कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही थी. पार्टी के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे. क्योंकि उस दौरान मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री पद पर थे तो उनपर भी काफी हमला बोला गया. लेकिन सिंह का जब मौन टूटा तो सभी लोग सन्न रह गए. सिंह ने 2014 में पद छोड़ने से पहले मीडिया के सवालों और विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा था कि मैं पूरे ईमानदारी और भरोसे के साथ यह कहता हूं कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया या संसद में विपक्ष की तुलना में अधिक दयालु होगा. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया था कि उनके ऊपर कई राजनीतिक दबाव थे, इसके बावजूद उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है. मनमोहन सिंह को हमेशा देश के नेता के रूप में जाना जाएगा. जिन्होंने देश की जनता के हित में काम किया है.
इतिहास में दर्ज हुआ जवाब
2014 से पहले भारतीय जनता पार्टी लगातार अपनी एंट्री की कोशिश में लगी थी. इस दौरान कांग्रेस सरकार के खिलाफ बीजेपी ने कई गंभीर आरोप लगाए थे. मनमोहन सिंह के बारे में कहा जाता था कि वो केवल कुर्सी पर बैठे प्रधानमंत्री हैं, जो गांधी परिवार के लिए फैसलों को ही जनता के सामने रखते हैं. इस सभी आरोपों और आलोचनाओं का जवाब देते हुए सिंह ने एक बार मीडिया के सामने खुल कर बात की थी. उन्होंने कहा था कि इतिहास में उन्हें याद किया जाएगा. साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया था. मनमोहन सिंह ने इस दौरान पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए हमला बोला था. लेकिन बीजेपी के सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी ने उनसे कई बार मुलाकात की. आज उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने सिंह को अपना मार्गदर्शक बताया है.