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India Daily

‘मनमोहन सिंह बोलते हैं तो पूरी दुनिया सुनती है’, किस अमेरिकी राष्ट्रपति ने किताब में किया था ये सनसनीखेज खुलासा

92 साल की उम्र में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हो गया. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी डॉ. मनमोहन सिंह की तारीफ में अपनी किताब में उनका जिक्र किया है.

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Edited By: Babli Rautela
Manmohan Singh demise
Courtesy: Social Media

Manmohan Singh demise: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और देश के आर्थिक उदारीकरण के चीफ आर्किटेक्ट डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हो गया. 92 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती कराया गया था. डॉ. सिंह के असाधारण योगदान को याद करते हुए, पूरी दुनिया उनकी नीतियों और नेतृत्व को सलाम कर रही है.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी डॉ. मनमोहन सिंह की तारीफ में कहा था, 'जब मनमोहन सिंह बोलते हैं, तो पूरी दुनिया सुनती है.' यह बात उन्होंने 2010 में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कही थी.

बराक ओबामा की किताब में मनमोहन सिंह की तारीफ

बराक ओबामा ने अपनी 2020 में प्रकाशित किताब 'A Promised Land' में डॉ. मनमोहन सिंह की तारीफ करते हुए लिखा कि वे भारत की आर्थिक कायाकल्प के मुख्य आर्किटेक्ट थे. ओबामा ने लिखा, 'डॉ. मनमोहन सिंह ने लाखों भारतीयों को गरीबी के चक्र से बाहर निकाला और भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाया.'

ओबामा ने डॉ. सिंह को बुद्धिमान, विचारशील और राजनीतिक रूप से ईमानदार बताया. उन्होंने डॉ. सिंह को ऐसे नेता के रूप में बताया, जिन्होंने लोगों का विश्वास केवल उनकी भावनाओं को अपील कर नहीं, बल्कि उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाकर जीता.

ओबामा ने लिखा कि जब वे डॉ. सिंह से पहली बार मिले, तो उनकी धारणा और भी मजबूत हो गई कि वे असाधारण मेधा के व्यक्ति हैं. 2010 में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान, डॉ. सिंह ने ओबामा के सम्मान में एक डिनर पार्टी दी थी. इस पार्टी के दौरान, डॉ. सिंह भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे थे.

विनम्रता और ईमानदारी का प्रतीक

डॉ. सिंह के व्यक्तित्व और काम के लिए ओबामा ने लिखा, 'वे एक विनम्र टेक्नोक्रेट थे, जिन्होंने अपनी ईमानदारी और मेहनत से अर्जित नाम को बनाए रखा है.' ओबामा ने यह भी बताया कि डॉ. सिंह विदेश नीति के मामले में बेहद सावधान रहते थे और भारत की ब्यूरोक्रेसी की ऐतिहासिक शंकाओं के चलते अमेरिकी मंशाओं को लेकर सतर्क रहते थे.

2010 में G-20 शिखर सम्मेलन में टोरंटो की मुलाकात के बाद, ओबामा ने कहा, 'जब भारत के प्रधानमंत्री बोलते हैं, तो पूरी दुनिया सुनती है.' यह बयान डॉ. सिंह की वैश्विक कद और उनके विचारों की गहराई को दर्शाता है.

डॉ. सिंह ने 1991 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में देश में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी. उनके सुधारों ने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूत पहचान दिलाई. उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है. डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा नुक्सान है. उनकी विरासत में उनकी आर्थिक नीतियां, ईमानदार छवि, और नीतिगत प्रतिबद्धता हमेशा जीवित रहेंगी.