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'जगदीश टाइटलर-कमलाथ की बारी', कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगा केस में उम्रकैद मिलने के बाद रेखा गुप्ता सरकार के मंत्री का दावा

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े एक मामले में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई है.

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Edited By: Mayank Tiwari
दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा
Courtesy: X@mssirsa

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिख विरोधी दंगों के एक मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. इस बीच दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार (25 फरवरी) को चेतावनी दी कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और कमल नाथ अगले हो सकते हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह भी कहा कि वे मौत की सजा के लिए अपील पर विचार करेंगे. कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर 1 नवंबर, 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के पास तीन सिखों की हत्या के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. इधर, सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

हमें मौत की सजा की उम्मीद थी- मनजिंदर सिंह सिरसा

इस दौरान सिरसा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एसआईटी गठित करने और मामले को फिर से खोलने के लिए धन्यवाद देता हूं. ये मामले 35 साल से बंद थे और सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और कमल नाथ जैसे लोग मुख्यमंत्री और सांसद के रूप में खुलेआम घूमते रहे. हमें मौत की सजा की उम्मीद थी. हम तय करेंगे कि मौत की सजा के लिए हाईकोर्ट में अपील करनी है या नहीं. सिरसा ने आगे कहा कि, "इसके बाद जगदीश टाइटलर और कमल नाथ हैं.

जानिए क्या बोले डीएसजीएमसी के महासचिव?

इस बीच, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने मंगलवार को निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि सज्जन कुमार को मामले में मौत की सजा नहीं दी गई. मीडिया से बात करते हुए कहलों ने कहा कि अगर सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा भी मिलती तो भी न्याय होता.

हम इस बात से दुखी हैं कि सज्जन कुमार को मौत की सजा नहीं मिली

कहलों ने कहा, "हम इस बात से दुखी हैं कि सज्जन कुमार जैसे व्यक्ति को मौत की सजा नहीं दी गई. मेरा मानना ​​है कि अगर उन्हें मौत की सजा दी जाती तो यह बेहतर होता और हमें संतुष्टि होती. हालांकि, 41 साल बाद, भले ही उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली हो, लेकिन न्याय की जीत हुई है. मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं.

जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल, मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या के सिलसिले में सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. यह सजा 12 फरवरी को उनकी हत्याओं के लिए उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद सुनाई गई.