Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच छिड़ी जंग के महीनों बीत गए हैं लेकिन राज्य में स्थिरता नहीं आ पाई है. मणिपुर को कांगपोकपी जिले के CRPF कैंप पर हुए हमले के कई दिनों बाद, वहां स्थानीय लोगों में आक्रोश है, वे सड़कों पर हैं और नारेबाजी कर रहे हैं. विष्णुपर के मोइरांग इलाके में लोग अब भी खौफ के साए में हैं. जहां ड्रोन से हमला हुआ है, वहां सिर्फ तबाही ही तबाही नजर आ रही है.
मणिपुर के पश्चमी इंफाल जिले के कौतरुक गांव के हालात बेहद खराब हैं. वहां बमबारी के बाद के हालात आपको डरा देंगे. सोमवार को न्यूज एजेंसी ANI ने यहां की तस्वीरें साझा की हैं. उग्रवादियों के हमले में घर बुरी तरह से जल गए हैं. वहां रखे सभी सामान राख हो चुके हैं. टूटे-फूटे बर्तन नजर आ रहे हैं, जले हुए जूते नजर आ रहे हैं और सुलगे हुए घर वीरान पड़े हैं. वहां के आसपास के इलाकों में सन्नाटा बरपा है, लोग जाने से भी कतरा रहे हैं. लोग इन हिंसक झड़पों से तंग आ चुके हैं.
6 सितंबर को मणिपुर राइफल्स की दो बटालियन के बाहर हथियार लूटने की कोशिशें हुई हैं. 9 सितंबर को ही छात्रों ने इंफाल पर प्रोटेस्ट किया, वहीं लोग मंत्रियों, मुख्यमंत्री और राज्यपाल पर भड़के हुए हैं. मोइरांग इलाके में उग्रवादियों ने आरपीजी से हमला बोला था. एक रॉकेट पूर्व सीएम एम कोईरांग के आवास पर भी गिरा था, वहां एक शख्स की मौत हो गई थी. रॉकेट के टुकड़े दीवारों पर नजर आ रहे थे.
उग्रवादियों के पास ये हथियार कैसे पहुंचे, यह चौंकाने वाला है. राज्य में सुरक्षाबलों की व्यापक स्तर की तैनाती के बाद भी लगातार हो रहे हमले, सवाल खड़े कर रहे हैं. विष्णुपुर जिले में पहाड़ी इलाकों से मैदानी इलाकों में उग्रवादियों ने रॉकेट दागे हैं. पूरे इलाके में तबाही के मंजर है. अगर इन्हें तत्काल रोका नहीं गया तो अब उग्रवादियों के निशाने पर आम लोग बड़े पैमाने पर आ सकते हैं.