मणिपुर में उपद्रवियों का 'तांडव'; दुर्गा और शिव मंदिर में बदमाशों ने लगाई आग, तोड़फोड़ भी की
Manipur Durga Lord Shiva Temple Attack: मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच मंदिरों में आगजनी और तोड़फोड़ का मामला सामने आया है. एक मंदिर परिसर में उपद्रवियों ने जमकर हंगामा काटा और तोड़फोड़ की. तोड़फोड़ की घटना भगवान शिव के मंदिर की बताई जा रही है, जबकि दुर्गा मंदिर में आगजनी की खबर है.
Manipur Durga Lord Shiva Temple Attack: मणिपुर के सेनापति बाजार में एक दुर्गा मंदिर में उपद्रवियों ने तड़के आग लगा दी. मंदिर परिसर में आग के फैलने से पहले स्थानीय लोगों ने इसे काबू में कर लिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि उपद्रवियों ने आग लगाने और वहां से भागने के बाद दान पेटी भी चुरा ली. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ये किसी अपराधिक गिरोह का काम नहीं है. उन्होंने एक जातीय संगठन पर वारदात को अंजाम देने का आऱोप लगाया है.
सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य खबर के मुताबिक, मणिपुर के सेनापति जिले में भगवान शिव के एक मंदिर को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया. तड़के सुबह हुई ये घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. सीसीटीवी फुटेज में उपद्रवियों को मंदिर के कैंपस के अंदर एक दरवाजे की ओर जलती हुई लकड़ियों को फेंकते हुए देखा जा सकता है.
एक महीने में मंदिर पर हमले का दूसरा मामला
मणिपुर में मंदिर पर ये दूसरा हमला था. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर को कुछ सप्ताह पहले भी निशाना बनाया गया था. पहली घटना में, फुटेज में एक नकाबपोश व्यक्ति को घटनास्थल से भागने से पहले एक खंभे के पीछे छिपते हुए दिखाया गया था. सौभाग्य से, निवासियों और मंदिर के रखवालों ने आग को फैलने से पहले ही बुझा दिया था.
नगा पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (एनपीओ) और करोंग-सेनापति टाउन कमेटी (केएसटीसी) ने एक संयुक्त बयान जारी कर श्री श्री पशुपति नाथ मंदिर पर हमले की निंदा की. संगठनों ने सेनापति को एक शांतिपूर्ण शहर बताया जहां विभिन्न समुदाय सद्भावनापूर्वक अपने धर्मों का पालन करते हैं और सामाजिक शांति को भंग करने के प्रयास की निंदा की.
आगजनी का उद्देश्य सांप्रदायिकता, जातीय तनाव भड़काना था?
स्थानीय सूत्रों को संदेह है कि आगजनी का उद्देश्य क्षेत्र में सांप्रदायिक और जातीय तनाव को भड़काना था. पुलिस फिलहाल घटना की जांच कर रही है और संदिग्धों को न्याय के कटघरे में लाने का वादा किया है, हालांकि अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
राज्यसभा सांसद महाराजा सानाजाओबा लीशेम्बा ने घटना की निंदा की. उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की. राज्यसभा सांसद ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि 25/9/24 की रात करीब 1 बजे मणिपुर के सेनापति में श्री पशुपति नाथ मंदिर में लूटपाट और आग लगाने की कड़ी निंदा करता हूं. हर जिम्मेदार नागरिक को इस तरह के बर्बर कृत्य की निंदा करनी चाहिए क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है.
मणिपुर मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा के परिणामों से जूझ रहा है, जो मुख्य रूप से मैतेई समुदाय और कुकी जनजातियों के बीच हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप 220 से अधिक लोगों की मौत हो गई और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हो गए.