Mani Shankar Aiyar Fresh Row: विवादों के 'मणि' शंकर अय्यर ने अब भारत-चीन युद्ध पर अपना ज्ञान दिखाया है. अय्यर ने 1962 के भारत-चीन युद्ध को कथित चीनी आक्रमण बताकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया. मंगलवार को फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब में एक कार्यक्रम का कथित वीडियो वायरल है, जिसमें मणिशंकर अय्यर ने ये बयान दिया था. हालांकि, वीडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि उनकी पार्टी के सहयोगी ने बाद में गलती से कथित आक्रमण शब्द का इस्तेमाल करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है. इस दौरान जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मई 2020 में चीनियों की घुसपैठ के लिए उन्हें क्लीन चिट देने का भी आरोप लगाया.
'नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स' नाम की किताब के विमोचन के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के वीडियो क्लिप में मणिशंकर अय्यर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अक्टूबर 1962 में चीन ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया. बाद में एक संक्षिप्त बयान में अय्यर ने कहा कि मैं आज शाम विदेशी संवाददाता क्लब में 'चीनी आक्रमण' से पहले 'कथित' शब्द का गलती से इस्तेमाल करने के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं. हालांकि, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अय्यर की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा.
अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि मणिशंकर अय्यर ने नेहरू फर्स्ट रिक्रूट्स नाम की किताब के विमोचन के दौरान एफसीसी में बोलते हुए 1962 में चीनी आक्रमण को 'कथित' बताया. ये संशोधनवाद का एक बेशर्म प्रयास है. उन्होंने आरोप लगाया कि नेहरू ने चीन के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पर भारत का दावा छोड़ दिया, राहुल गांधी ने एक गुप्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से धन स्वीकार किया और चीनी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की, उनके आधार पर, सोनिया गांधी की यूपीए ने चीनी सामानों के लिए भारतीय बाजार खोल दिया, जिससे एमएसएमई को नुकसान पहुंचा और अब कांग्रेस नेता अय्यर चीनी आक्रमण को छुपाना चाहते हैं, जिसके बाद से चीन ने 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है.
Mani Shankar Aiyar, speaking at the FCC, during launch of a book called Nehru’s First Recruits, refers to Chinese invasion in 1962 as ‘alleged’. This is a brazen attempt at revisionism.
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) May 28, 2024
Nehru gave up India’s claim on permanent seat at the UNSC in favour of the Chinese, Rahul… pic.twitter.com/Z7T0tUgJiD
अमित मालवीय ने पूछा कि कांग्रेस का चीनियों के प्रति प्रेम क्या दर्शाता है? उधर, विवाद के बीच, जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी (अय्यर की) उम्र को ध्यान में रखा जाना चाहिए. कांग्रेस उनके मूल कथन से खुद को अलग करती है. रमेश ने लिखा कि 20 अक्टूबर 1962 को शुरू हुआ भारत पर चीनी आक्रमण वास्तविक था. मई 2020 की शुरुआत में लद्दाख में भी चीनी घुसपैठ वास्तविक थी, जिसमें हमारे 40 सैनिक शहीद हो गए और यथास्थिति बिगड़ गई.
रमेश ने कहा कि हालांकि, निवर्तमान पीएम ने 19 जून 2020 को सार्वजनिक रूप से चीन को क्लीन चिट दे दी, जिससे हमारी बातचीत की स्थिति गंभीर रूप से कमजोर हो गई. देपसांग और डेमचोक सहित 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भारतीय सैनिकों की पहुंच से बाहर है. कांग्रेस महासचिव ने अपनी पुरानी टिप्पणी भी दोहराई जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया था.
Mr. Mani Shankar Aiyar has subequently apologised unreservedly for using the term "alleged invasion" mistakenkly. Allowances must be made for his age. The INC distances itself from his original phraseology.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 28, 2024
The Chinese invasion of India that began on October 20 1962 was for… https://t.co/74oXfL1Ur2
कार्यक्रम में मणिशंकर अय्यर ने उस समय की घटना को भी याद किया जब उन्होंने भारतीय विदेश सेवा की परीक्षा दी थी. अय्यर ने कहा कि जिस दिन तवांग पर हमला हुआ, उस दिन लंदन में विदेश सेवा की परीक्षा शुरू हुई थी. जब यह खत्म हुई... मैं राजनीति में प्रमुख था और अखबार मुझे वामपंथी और कम्युनिस्ट कहकर संदर्भित करते थे. विदेश सेवा की परीक्षा पास करने के बाद, जिसमें मैंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, मैंने पाया कि मुझे किसी भी तरह का प्रवेश पत्र नहीं मिल रहा है. इसलिए, मैंने विदेश मंत्रालय को लिखा कि मुझे ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला है.
अय्यर ने कहा कि मुझे टेलीग्राम के माध्यम से जवाब मिला, जिसमें लिखा था, 'आपको सूचित करते हुए खेद हो रहा है कि आपको सभी सेवाओं से खारिज कर दिया गया है' और मुझे तुरंत समझ में आ गया कि मामला क्या है...विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के बारे में जानकारी के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो के पास एक बहुत ही महत्वपूर्ण सोर्स था...इसे येलो रैट्स कहा जाता था...वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि चूंकि मैं एक कम्युनिस्ट हूं और मैंने चीनियों के लिए धन जुटाया है. मैं अपने रात्रिभोज के लिए धन नहीं जुटा पाया, तो मैं चीनियों के लिए धन कैसे जुटाऊंगा? मुझे सूची से हटा दिया गया और वापस भारत भेज दिया गया.
इस महीने की शुरुआत में अय्यर उस समय विवाद में आ गए थे, जब उनका एक इंटरव्यू का क्लिप वायरल हो गया था, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पाकिस्तान एक सम्मानित राष्ट्र है, जिसके पास परमाणु बम भी है, इसलिए भारत को उनके साथ बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत की ओर से पाकिस्तान तक पहुंचने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
फरवरी में कांग्रेस के सीनियर नेता ने पाकिस्तानी लोगों की प्रशंसा करते हुए उन्हें भारत की सबसे बड़ी संपत्ति करार देकर एक और विवाद खड़ा कर दिया था.
लाहौर में 'हिज्र की रख, विसाल के फूल, भारत-पाक मामले' शीर्षक सत्र में बोलते हुए अय्यर ने पाकिस्तान और उसके लोगों के प्रति अपना स्नेह साझा करते हुए कहा कि वह कभी ऐसे देश में नहीं गए जहां उनका इतने खुले दिल से स्वागत किया गया हो जितना पाकिस्तान में किया गया.