'मैं बजरंगबली का दोस्त, जमीन उन्हीं की है...', अवैध कब्जे की कोशिश में कोर्ट ने लगा दिया जुर्माना
Delhi High Court: मंदिर के पास की एक जमीन पर कब्जा करने के मामले में कोर्ट ने एक शख्स पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है.
अयोध्या विवाद में रामलला को भी वादी बनाया गया था. ऐसा ही कुछ एक शख्स ने जमीन हथियाने के चक्कर में किया. नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने उसी पर जुर्माना लगा दिया. इस शख्स ने कोर्ट में दावा किया था कि मंदिर होने की वजह यह जमीन हनुमानजी की है और यह शख्स उनका दोस्त है. हैरान करने वाली बात है कि कोर्ट में ऐसी बात रखने वाला यह शख्स मूल तौर पर पार्टी था भी नहीं. कानूनी पक्ष से देखा जाए तो वह तीसरा पक्ष था जबकि विवाद दो पक्षों में चल रहा था.
दरअसल, कोर्ट में जिस जमीन को लेकर विवाद चल रहा था वह एक मंदिर के पास थी. इस तीसरे शख्स ने दावा किया कि जमीन हनुमान जी की है और वह उनके निकट मित्र और उपासक के रूप में अदालत में उपस्थित हुआ है. दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सी हरि शंकर ने उसकी अपील को खारिज करते हुए कहा कि यह जमीन कब्जाने के इरादे से की गई सांठगांठ है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उन लोगों से सांठगांठ की है जिनके पास जमीन का कब्जा है.
चालाकी पड़ गई भारी
6 मई को पारित हुए आदेश में कोर्ट ने कहा है, 'मौजूदा कब्जाधारकों ने वादी (अन्य पक्ष) की जमीन पर कब्जा कर लिया. वादी ने कब्जा वापस पाने के लिए मुकदमा किया था. प्रतिवादियों ने जमीन लौटाने के लिए 11 लाख रुपये मांगे. वादी ने 6 लाख रुपये देने का वादा किया और पैसे दिए लेकिन प्रतिवादियों ने इसके बावजूद जमीन खाली नहीं की.'
कोर्ट ने आगे कहा, 'ऐसे में वादी ने फिर कोर्ट की मदद मांगी. अब तीसरे पक्ष ने आपत्ति जताई कि जमीन हनुमान मंदिर के पास है इसलिए बजरंगबली की है. उसने कहा कि वह उनके मित्र के रूप में उनके हितों की रक्षा करने का हकदार है.' कोर्ट ने उसके दावों को खारिज करते हुए उसी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है.