Mahakumbh 2025: हाल ही में किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था. इसके बाद से लगातार ममता को लेकर विवाद हो रहा था. अब अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने अब अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने दिया है. जी हां कहा जा रहा है कि अखाड़े के संस्थापक ने पूर्व एक्ट्रेस को इस पद और अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. दावा है कि उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है. किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कहा कि ममता कुलकर्णी की नियुक्ति उनकी सहमति के बिना की गई है और इससे सनातन धर्म का उल्लंघन हुआ है.
ममता कुलकर्णी-लक्ष्मी नारायण को बड़ा झटका
ऋषि अजय दास ने महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी कथित देशद्रोह के आरोप में किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया और कुलकर्णी को ऋषि दास की जानकारी के बिना महामंडलेश्वर नियुक्त किया. बयान में उन्होंने कहा कि उन्होंने महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को उनकी भूमिका से मुक्त कर दिया है, "क्योंकि वह उस पद से हमेशा भटकते रहे हैं जिस पद पर उन्हें धार्मिक प्रचार-प्रसार और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ किन्नर समुदाय के उत्थान आदि के लिए नियुक्त किया गया था."
Rishi Ajay Das, founder of Kinnar Akhara, expels Mamta Kulkarni from the Akhara. He has also expelled Mahamandaleshwar Laxminarayan Tripathi from the Kinnar Akhara for inducting Mamta Kulkarni, who is accused of treason, to the Akhara and designating her as Mahamandaleshwar… pic.twitter.com/Hhzezst49r
— ANI (@ANI) January 31, 2025
ऋषि अजय दास ने कहा कि अखाड़े के महामंडलेश्वर त्रिपाठी और अन्य लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री की चकाचौंध भरी दुनिया से जुड़ीं ममता कुलकर्णी को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त कर असंवैधानिक कार्य किया है और सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है.
किन्नर अखाड़े ने दोनों को महामंडलेश्वर पद से हटाया
उन्होंने कहा कि “बिना किसी धार्मिक या अखाड़ा परंपरा का पालन किए, उन्हें संन्यास लेने के बजाय, उन्होंने सीधे उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि और पट्टा प्रदान किया. जिसके कारण आज मैं अनिच्छा से देश, सनातन धर्म और समाज हित में उन्हें पद से मुक्त करने के लिए बाध्य हूं.'' उन्होंने आरोप लगाया कि महामंडलेश्वर त्रिपाठी ने 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में ऋषि दास की सहमति के बिना जूना अखाड़े के साथ सौदा किया था.
'सनातन धर्म प्रेमियों और समाज को धोखा दिया'
ऋषि दास ने आगे कहा कि "इस सौदे के तहत लोग आवश्यक अनुष्ठानों का पालन किए बिना या अपने सांसारिक लगावों का त्याग किए बिना अनुचित तरीके से अखाड़ों में शामिल हो रहे थे. इस तरह वे सनातन धर्म प्रेमियों और समाज को धोखा दे रहे हैं। इसलिए, आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जनहित और धर्म के हित में यह सारी जानकारी देना मेरे लिए आवश्यक था."
वहीं दूसरी तरफ आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का कहना है कि अजय दास किस किसी पद पर ही नहीं है. उन्हें पहले से ही अखाड़े से निकाला जा चुका है तो वह किस हैसियत से कार्रवाई करेंगे.