Kolkata rape murder: ममता की हमदर्दी का नहीं हुआ असर, डॉक्टरों से बातचीत बेनतीजा

Kolkata rape murder: मुख्यमंत्री और डॉक्टरों के बीच वार्ता फिर टूट गई. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के अनुसार, वे 30 प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित आवास पर पहुंचे थे. डॉक्टरों ने पूरे कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियोग्राफी करने पर जोर दिया, लेकिन उनकी मांगों को एक बार फिर ठुकरा दिया गया.

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आरजी कर बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल सरकार और डॉक्टरों के बीच शनिवार शाम को एक बार फिर वार्ता टूट गई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध स्थल के दौरे के कुछ ही घंटों बाद गतिरोध दूर होने का संकेत मिला था, लेकिन बातचीत बेनतीजा रहा. 

यह घटनाक्रम उस दिन हुआ जब केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और इंस्पेक्टर अभिजीत मंडल को संस्थान में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया. सीबीआई का आरोप है कि वे अपराध स्थल को बिगाड़ने, सबूतों से छेड़छाड़ करने, आधिकारिक नियमों का उल्लंघन करने, आपराधिक साजिश रचने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने में शामिल थे.

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के अनुसार वे 30 प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री के कालीघाट आवास पर पहुंचे. उनके कार्यालय द्वारा आमंत्रित प्रतिनिधियों की संख्या से दोगुनी. वे अपने साथ एक वीडियोग्राफर भी ले गए और पूरे कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियोग्राफी करने पर जोर दिया, लेकिन उनकी मांगों को एक बार फिर ठुकरा दिया गया.

ममता से मिलने पहुंचे थे डॉक्टर

प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक जूनियर डॉक्टर ने दावा किया, 'सीएम हाउस पहुंचने के बाद हमने लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी. हमने पूछा कि क्या हम अपने वीडियोग्राफर से मीटिंग की शूटिंग करवा सकते हैं, लेकिन सरकार इस पर भी सहमत नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति मीटिंग के मिनट रिकॉर्ड करेगा. हमने कुछ समय मांगा, लेकिन जब तक हम सहमत होने का फैसला करते और उन्हें बताने के लिए वापस जाते तब तक उन्होंने कहा कि समय खत्म हो चुका है. फिर वह अपनी काली कार में चली गईं और एक-एक करके सभी अधिकारी आवास से चले गए.'

हालांकि, सीएम ने डॉक्टरों के व्यवहार को अनुचित बताया. जब डॉक्टर विचार-विमर्श कर रहे थे तो वह अपने आवास से बाहर आईं और उनसे एक कप चाय पीने का अनुरोध किया.  उन्होंने कहा कि हमने 15 लोगों के लिए कहा था, आप 40 लोगों के साथ आईं. फिर भी, हमने आपके लिए व्यवस्था कर दी है.

ममता ने दिखाई हमदर्दी

शनिवार को लगा कि कुछ बात बन सकती है. ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने स्वास्थ्य भवन (राज्य स्वास्थ्य विभाग) के बाहर धरना स्थल पर जूनियर डॉक्टरों से मुलाकात की. ममता ने कहा कि मैं अन्याय नहीं होने दूंगी. मैं व्यक्तिगत रूप से आपके पास आई हूं. मैं कल रात सो नहीं पाई. मैंने दर्द महसूस किया. आप कल रात बारिश के दौरान धरने पर बैठे थे... मैंने भी रातों की नींद हराम की क्योंकि मैं आपकी अभिभावक हूं.

उन्होंने कहा,  'अगर आप काम पर लौटते हैं, तो मैं वादा करती हूं कि मैं आपकी मांगों का अध्ययन करूंगी और अधिकारियों से बात करूंगी. अगर आपको मुझ पर भरोसा है, तो मुझे कुछ समय दीजिए. मैं दोषी किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करूंगी.'

डॉक्टरों के प्रदर्शन से दवाब में है सरकार

सीएम ममता बनर्जी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब उनकी सरकार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और विपक्ष दोनों से ही आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. जूनियर डॉक्टरों के काम पर आने से इनकार करने के बाद, टीएमसी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व जल्द से जल्द स्थिति को नियंत्रित करने का दबाव महसूस कर रहा है.