नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में साधुओं के एक समूह पर हुए हमले की निंदा करते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने ममता सरकार पर जमकर हमला बोला है. आचार्य सत्येन्द्र दास ने बड़ा हयान देते हुए कहा कि बंगाल की CM ममता बनर्जी भगवा रंग देखती हैं तो वह क्रोधित हो उठती हैं.
आचार्य सत्येन्द्र दास का यह एक वीडियो वायरल होने के बाद आया है, जिसमें पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में साधुओं के एक समूह को भीड़ द्वारा कथित तौर पर पीटा जा रहा है. इस घटना को लेकर आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा "किसी ने ममता बनर्जी को मुमताज खान नाम दिया था क्योंकि उनकी सहानुभूति मुसलमानों के प्रति है. पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर सबसे ज्यादा हमले होते हैं. पश्चिम बंगाल में रामनवमी के जुलूस और अन्य धार्मिक जुलूसों पर हमले हुए हैं. जब मां दुर्गा का अनुष्ठान होता है और लोग उनकी पूजा करने जाते हैं तो उन पंडालों को तोड़ दिया जाता है. मुख्यमंत्री बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में इस प्रकार के हमलों को उकसाया है. ममता बनर्जी जब भगवा रंग देखती हैं तो उन्हें गुस्सा आ जाता है और यही कारण है कि वह ये हमले करवाती हैं. साधुओं पर हुए हमले की घटना बेहद निंदनीय हैं''
#WATCH | On alleged assault on sadhus in West Bengal, Shri Ram Janambhoomi Teerth Kshetra chief priest, Acharya Satyendra Das says, ..."Someone had given the name Mumtaz Khan to Mamata Banerjee. Attacks have happened on processions on Ram Navami and other religious processions.… pic.twitter.com/fX3SbEwnWz
— ANI (@ANI) January 13, 2024
इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति ने ऐसा माहौल बनाया है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. ऐसे में सवाल यह है कि ऐसी हिंदू विरोधी सोच क्यों है? वहीं हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने पुरुलिया में साधुओं पर हुए हमले की निंदा की. स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में हुई घटना बेहद निंदनीय है. जिस तरह से ममता के नेतृत्व वाली सरकार ने पालघर-2 घटना को अंजाम दिया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
सोशल मीडिया पर एक 30 सेकेंड की फुटेज वायरल हो रही है जिसमें कथित तौर पर साधुओं के समूह को भीड़ की ओर से निर्वस्त्र करते और उन पर हमला करते हुए देखा जा सकता है. हालांकि इंडिया डेली लाइव इस वीडियो की प्रमाणिकता का पुष्टि नहीं करता है.