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'चाहे मुझे जेल ही क्यों ना जाना पड़े...', ममता बनर्जी ने SC द्वारा बर्खास्त किए गए बंगाली शिक्षकों से ऐसा क्यों कहा?

Mamata Banerjee: यह विवाद 2016 में हुई एसएससी भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा है, जिसमें 23 लाख आवेदन आए थे, जबकि 24,640 पदों के लिए नियुक्तियां होनी थीं. लेकिन जांच में पाया गया कि नियुक्ति पत्रों की संख्या पदों से अधिक थी और ओएमआर शीट्स में गड़बड़ी की गई थी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Mamata Banerjee said I can even be jailed vows to back sacked Bengal teachers SC Decision
Courtesy: Social Media

Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में सोमवार को बर्खास्त शिक्षकों के एक समूह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उन शिक्षकों को आश्वासन दिया कि योग्य उम्मीदवार बेरोजगार नहीं रहेंगे और उन्हें हर संभव मदद मिलेगी. यह घटनाक्रम तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) भर्ती प्रक्रिया के तहत की गई 25,752 स्कूल नौकरी नियुक्तियों को रद्द कर दिया.

"मुझे जेल हो सकती है, लेकिन मैं डरती नहीं"

ममता बनर्जी ने बर्खास्त शिक्षकों से कहा, "कृपया यह न समझें कि हम इस फैसले को स्वीकार कर चुके हैं. हम पत्थर दिल नहीं हैं, और मैं इस बात को कहने के लिए जेल भी जा सकती हूं, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के पास योजना है ताकि योग्य उम्मीदवारों को नौकरी मिल सके और उनका सेवा में कोई अंतराल न आए.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, "मुझे इस फैसले से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन मुझे इसमें फंसा दिया गया है." ममता के अनुसार, सरकार ने बर्खास्त शिक्षकों के लिए अलग-अलग योजनाएं तैयार की हैं, ताकि उनके भविष्य में कोई परेशानी न हो.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और उसके परिणाम

सुप्रीम कोर्ट का 3 अप्रैल का फैसला, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और धोखाधड़ी का हवाला दिया गया, 25,752 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया था. यह निर्णय पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में काम कर रहे शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा झटका था. हालांकि ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने का आश्वासन दिया, लेकिन उन्होंने इसे उन योग्य उम्मीदवारों के लिए अन्यायपूर्ण बताया, जिन्होंने किसी भी तरह से भर्ती प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं की थी.

"हमने इस व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं किया"

बर्खास्त शिक्षक, जिनमें से कई ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, ने अपनी समस्याओं को सामने रखा. यासमीन परवीन, एक बर्खास्त शिक्षक, ने कहा, "हम एक ऐसी व्यवस्था के शिकार हैं जिसमें हमने कोई भी गलत काम नहीं किया. हम कुछ नहीं चाहते, बस हमारी नौकरी वापस चाहिए."

विपक्षी पार्टी की आलोचना

ममता बनर्जी का यह कदम विपक्षी दलों के लिए आलोचना का कारण बना. बंगाल बीजेपी ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के खिलाफ कई आरोप लगाए. बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता पर आरोप लगाया कि वह केवल कुछ खास लोगों का समर्थन कर रही हैं, न कि सभी बर्खास्त शिक्षकों का. उन्होंने कहा, "अगर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री होतीं, तो वह सभी बर्खास्त शिक्षकों से मिलतीं, न कि सिर्फ कुछ लोगों से."