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'अगर किसी जज के घर से पैसा मिलता है, तो..', शिक्षक भर्ती मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बरसीं ममता बनर्जी

कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा, जिसमें पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के तहत नियुक्त 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी. कोर्ट ने माना कि पूरी चयन प्रक्रिया धोखाधड़ी और हेरफेर से दूषित थी, इसलिए नियुक्तियां अवैध हैं.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Mamata Banerjee lashes out at Supreme Court's decision on teacher recruitment case

पश्चिम बंगाल सरकार को शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा झटका लगने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतोष जाहिर किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि हालांकि वे व्यक्तिगत रूप से इस निर्णय से सहमत नहीं हैं, उनकी सरकार इसका पालन करेगी और भर्ती प्रक्रिया को दोहराएगी. बनर्जी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या विपक्षी दल, बीजेपी और सीपीएम, बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं.

"नागरिक के नाते मुझे असहमति का अधिकार"

ममता ने मीडिया से कहा, "इस देश की नागरिक के तौर पर मेरा हर अधिकार है, और मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती, जजों के प्रति सम्मान के साथ. मैं मानवीय दृष्टिकोण से अपनी राय रख रही हूं. गलत जानकारी या भ्रम न फैलाएं." उन्होंने पुष्टि की कि सरकार कोर्ट के आदेश का अनुपालन करेगी और स्कूल सेवा आयोग को भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया गया है.

कोर्ट का फैसला और प्रभाव
कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा, जिसमें पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के तहत नियुक्त 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी. कोर्ट ने माना कि पूरी चयन प्रक्रिया धोखाधड़ी और हेरफेर से दूषित थी, इसलिए नियुक्तियां अवैध हैं. बनर्जी ने फैसले की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सही तरीके से नियुक्त लोगों को भी धोखाधड़ी के कारण नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने पूछा, "केवल कुछ लोगों की गलती की सजा इतने सारे निर्दोषों को क्यों दी जा रही है? यह सिर्फ 25,000 लोग नहीं, उनके परिवार भी प्रभावित हैं."

तुलना और साजिश का आरोप
बनर्जी ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से बड़ी राशि बरामद होने के हालिया मामले का जिक्र किया. उन्होंने सवाल उठाया, "अगर किसी जज के घर से पैसा मिलता है, तो उन्हें सिर्फ ट्रांसफर किया जाता है. फिर इन उम्मीदवारों को ट्रांसफर क्यों नहीं किया गया?" उन्होंने बीजेपी और सीपीएम पर बंगाल को निशाना बनाने की साजिश का आरोप लगाया.

शिक्षा व्यवस्था पर संकट
मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि 11,000 से अधिक प्रभावित शिक्षक कक्षा 9 और 10 के छात्रों को पढ़ाते हैं, जबकि 5,500 से अधिक कक्षा 11 और 12 के साथ काम करते हैं. उन्होंने पूछा, "ये छात्रों के लिए महत्वपूर्ण साल हैं. अगर इतने शिक्षक नौकरी खो देंगे, तो शिक्षा व्यवस्था कैसे चलेगी? क्या बीजेपी और सीपीएम बंगाल की शिक्षा को नष्ट करना चाहते हैं?"