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आम की बात पर इमली सा जवाब, हाईकोर्ट के फैसले पर अमित शाह और ममता बनर्जी में आर-पार

OBC Certificate Case: कलकत्ता हाईकोर्ट ने OBC पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी किए गए OBC प्रमाण पत्रों  को रद्द कर दिया है. इसपर अब ममता बनर्जी ने आदेश मानने से इनकार किया है. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे वोट बैंक की राजनीति बताया है.

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Edited By: India Daily Live
Mamata Banerjee Amit Shah
Courtesy: Social Media

OBC Certificate Case: पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट ने OBC सर्टिफिकेट को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए 2010 के बाद जारी सूची को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अब कोई भी नए प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाएंगे. हालांकि, कोर्ट के आदेश के अनुसार, पहले से नौकरी पा चुके लोगों पर इसका असर नहीं होगा. अब इस मामले पर सियासी पारा भी चढ़ गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदेश को मानने से मना कर दिया है. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे वोटबैंक की राजनीति बताया है.

बता दें 2012 से TMC सरकार ने कानून बनाया था. इसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसी पर आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि 2011 से बिना किसी नियम के ओबीसी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं. इस कारण ये असंवैधानिक हैं. इन्हें पिछड़ा वर्ग आयोग की कोई भी सलाह के बिना जारी किया गया है.

ममता बोलीं मैं आदेश नहीं मानूंगी

कोर्ट के आदेश के बाद ममता बनर्जी ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा कि BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं. मैं आदेश नहीं मानूंगी, जिन्होंने आदेश दिया है वह इसे अपने पास रखें. भाजपा की राय हम नहीं मानेंगे. ओबीसी आरक्षण जारी है और रहेगा. उन्होंने पूछा प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक आरक्षण छीन लेंगे, क्या ऐसा कभी हो सकता है?

गृहमंत्री ने बताया वोटबैंक की राजनीति

इस पूरे मामले पर गृहमंत्री अमित शाह का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि ममता सरकार ने किसी सर्वेक्षण के 118 मुस्लिम जातियों को OBC आरक्षण दिया. किसी ने कोर्ट में अपील कर दी और अदालत ने इसपर फैसला देकर रद्द कर दिया. ममता बनर्जी अपने वोट बैंक के लिए पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लूटना चाहती हैं और उस आरक्षण को मुस्लिम जातियों को देना चाहती हैं.

ममता बनर्जी के आदेश को ना मानने वाले बयान पर गृहमंत्री ने कहा कि मैं निर्णय का स्वागत करता हूं. ममता कहती है कि वो निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगी. मैं बंगाल के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसा कोई मुख्यमंत्री हो सकता है, जो कहे कि हम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करते हैं? मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. ये लोग पिछड़े वर्ग, SC, ST का आरक्षण छीनकर अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों को देना चाहते हैं.

कोर्ट का फैसला सही

मामले में एनसीबीसी आयोग के हंसराज गंगाराम अहीर का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि 2023 में हमारी समीक्षा के दौरान 2010 के बाद 65 मुस्लिम जातियां और 6 हिंदू जातियां ओबीसी सूची में जोड़ी गईं. हमने इस बारे में रिपोर्ट मांगी, लेकिन राज्य सरकार ने हमें कोई रिपोर्ट नहीं दी. न्यायालय का फैसला बिल्कुल सही है और हम इसका स्वागत करते हैं.

माणिक साहा बोले- एक रोज होना ही था

कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल में प्रचार कर रहे त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा का का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा कोर्ट पर भरोसा रहा है और कोर्ट ने जो ऐतिहासिक फैसला दिया है. ये तो किसी दिन होना ही था. यह समय की मांग है. यह टीएमसी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को भी दर्शाता है.