OBC Certificate Case: पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट ने OBC सर्टिफिकेट को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए 2010 के बाद जारी सूची को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अब कोई भी नए प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाएंगे. हालांकि, कोर्ट के आदेश के अनुसार, पहले से नौकरी पा चुके लोगों पर इसका असर नहीं होगा. अब इस मामले पर सियासी पारा भी चढ़ गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदेश को मानने से मना कर दिया है. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे वोटबैंक की राजनीति बताया है.
बता दें 2012 से TMC सरकार ने कानून बनाया था. इसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसी पर आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि 2011 से बिना किसी नियम के ओबीसी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं. इस कारण ये असंवैधानिक हैं. इन्हें पिछड़ा वर्ग आयोग की कोई भी सलाह के बिना जारी किया गया है.
कोर्ट के आदेश के बाद ममता बनर्जी ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा कि BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं. मैं आदेश नहीं मानूंगी, जिन्होंने आदेश दिया है वह इसे अपने पास रखें. भाजपा की राय हम नहीं मानेंगे. ओबीसी आरक्षण जारी है और रहेगा. उन्होंने पूछा प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक आरक्षण छीन लेंगे, क्या ऐसा कभी हो सकता है?
#WATCH | North 24 Parganas: West Bengal CM Mamata Banerjee says, "Even today I heard a judge passing an order, who has been very famous. The Prime Minister is saying that minorities will take away the Tapasheeli reservation, can this ever happen? Minorities can never touch the… pic.twitter.com/6lMAUyDYng
— ANI (@ANI) May 22, 2024
इस पूरे मामले पर गृहमंत्री अमित शाह का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि ममता सरकार ने किसी सर्वेक्षण के 118 मुस्लिम जातियों को OBC आरक्षण दिया. किसी ने कोर्ट में अपील कर दी और अदालत ने इसपर फैसला देकर रद्द कर दिया. ममता बनर्जी अपने वोट बैंक के लिए पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लूटना चाहती हैं और उस आरक्षण को मुस्लिम जातियों को देना चाहती हैं.
#WATCH | On Calcutta High Court cancelling all OBC certificates issued in West Bengal after 2010, Union Home Minister Amit Shah says "Mamata Banerjee gave OBC reservation to 118 Muslim castes without any survey. Someone went to the court, the court took cognizance of this and all… pic.twitter.com/cJPLmedfkh
— ANI (@ANI) May 22, 2024
ममता बनर्जी के आदेश को ना मानने वाले बयान पर गृहमंत्री ने कहा कि मैं निर्णय का स्वागत करता हूं. ममता कहती है कि वो निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगी. मैं बंगाल के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसा कोई मुख्यमंत्री हो सकता है, जो कहे कि हम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करते हैं? मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. ये लोग पिछड़े वर्ग, SC, ST का आरक्षण छीनकर अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों को देना चाहते हैं.
मामले में एनसीबीसी आयोग के हंसराज गंगाराम अहीर का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि 2023 में हमारी समीक्षा के दौरान 2010 के बाद 65 मुस्लिम जातियां और 6 हिंदू जातियां ओबीसी सूची में जोड़ी गईं. हमने इस बारे में रिपोर्ट मांगी, लेकिन राज्य सरकार ने हमें कोई रिपोर्ट नहीं दी. न्यायालय का फैसला बिल्कुल सही है और हम इसका स्वागत करते हैं.
कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल में प्रचार कर रहे त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा का का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा कोर्ट पर भरोसा रहा है और कोर्ट ने जो ऐतिहासिक फैसला दिया है. ये तो किसी दिन होना ही था. यह समय की मांग है. यह टीएमसी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को भी दर्शाता है.