नई दिल्ली: रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने से कांग्रेस शीर्ष नेताओं के फैसले के बाद पार्टी के एक वर्ग के भीतर सार्वजनिक गुस्से के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आयी है. दरअसल अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से कांग्रेस हाईकामन ने इनकार कर दिया है. सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस पार्टी का मानना है कि यह कार्यक्रम बीजेने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है.
रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने को लेकर खरगे ने कहा "इस निर्णय का उद्देश्य किसी की भावनाओं या किसी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं है. हम पहले ही कह चुके हैं कि अगर कोई 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या जाना चाहता है, तो वे जब चाहें जाने के लिए स्वतंत्र हैं. कार्यक्रम में शामिल न होने के हमारे फैसले को लेकर BJP की तरफ से हमें लगातार निशाना बनाया जा रहा है .यह अनुचित है. हमारे फैसले का उद्देश्य किसी व्यक्ति या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. हम प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहते हैं कि उन्होंने मुद्रास्फीति और बेरोजगारी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं? हम यह भी चाहेंगे कि वह हमारी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए उठाए गए कदमों की सूची बनाएं. ये ऐसे मुद्दे हैं जो सीधे देश और इसके लोगों को प्रभावित करते हैं."
#WATCH Delhi: On Congress declining the invitation for Ram Temple 'Pran Pratishtha', Congress National President Mallikarjun Kharge said, "I had given a statement on the 6th January...why is the BJP bringing it up repeatedly? We don't want to hurt anyone. Our issue is what PM… pic.twitter.com/abyUx3PVYn
— ANI (@ANI) January 12, 2024
दरअसल कांग्रेस के बड़े नेताओं खरगे, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को ठुकरा दिया और इसे बीजेपी-आरएसएस का कार्यक्रम बताया था. राम मंदिर के निमंत्रण को कांग्रेस की ओर से अस्वीकार किए जाने के बाद से बीजेपी देश की पहचान और आत्मा को नकारने का आरोप लगाते हुए सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध रही है. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राम मंदिर हमारा राष्ट्र मंदिर है और प्रभु श्री राम हमारे अस्तित्व और आस्था के अभिन्न अंग हैं. वह देश की पहचान का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकराकर उन्होंने हमारी सभ्यता की जड़ों और राष्ट्रीय पहचान को नकार दिया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.